जीवितपुत्रिका व्रत को लेकर खासा गुलजार रहा बक्सर के बाजार और सडक
जीवितपुत्रिका व्रत को लेकर खासा गुलजार रहा बक्सर के बाजार और सडक

जीवितपुत्रिका व्रत को लेकर खासा गुलजार रहा बक्सर के बाजार और सडक

बक्सर 09 सितम्बर (हि ,स ) जीवितपुत्रिका व्रत को लेकर जिला के विभिन्न घाटो समेत स्थानीय बाजारों में काफी भीड़भाड़ देखी गई | महिलाए अपने सोने या चांदी के बने जिवतिया को धागों में पिरोने के लिए सुनारों की दुकानों पर भीड़ लगाये हुए थी |वही स्थानीय गंगा घाटो पर स्नान हेतु महिलाओं की भीड़ थी |दिन ढलते भीड़ कुछ और बढ़ गई | अहले सुबह बाजार का आलम यह था कि शेष दिनों में बीस रूपये से तीस रूपये के भाव से बिकने वाला खरतरोई (सतपुतिया )800 रूपये के भाव से बेचा गया | पूर्वांचल में मान्य परम्परा के अनुसार महिलाए आज अनिवार्य रूप से नोनी का साग ,खरतरोई और मडुवे के आटा से बनी रोटिया खाकर ही जिवितिया अनुष्ठान की शुरुवात करती है |ग्रामीण इलाको में कहावत है कि नोनी के साग पुत्रो के जीवन को सुगम बनाता है तो खरतरोई (सतपुतिया ) पुत्रो पर आने वाले बिपत्ति का नाश करता है और मडुवा का आटा पुत्रो के लिए प्रगति सूचक है | कल गुरूवार के दिन सम्पन्न होने वाले इस ब्रत को लेकर महिलाए अनुष्ठान के अनुसार आज रात्री में पुत्र या पुत्री की संख्या के अनुसार ठेकुए को घी से बनाती है और पुत्र के दीर्घायु होने की कामना को लेकर जीवितपुत्रिका व्रत कथा सुनती और करती है |पारन वाले दिन इसी ठेकुए को पुत्र या पुत्री को खिलाया जाता है | हिन्दुस्थान समाचार /अजय मिश्रा /चंदा-hindusthansamachar.in

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