जिले में छठ पर्व हर्षोल्लास के साथ शांति पूर्वक संपन्न
जिले में छठ पर्व हर्षोल्लास के साथ शांति पूर्वक संपन्न

जिले में छठ पर्व हर्षोल्लास के साथ शांति पूर्वक संपन्न

सहरसा,21नवम्बर(हि.स.)। प्रकृति के साक्षात व प्रत्यक्ष देवता, सृष्टि संचालक भगवान भास्कर की पूजा अर्चना व लोक आस्था का महापर्व छठ हर्षोउल्लास के साथ जिले में संपन्न हो गया। कहीं किसी तरह घटना दुर्घटना नहीं हुई। शनिवार की सुबह उदयगामी सूर्य को अर्ध्य देकर छठ पूजा मनाने वाले व्रतियों ने 36 घंटे का निर्जला व्रत रखकर भगवान भास्कर से सुख, शांति, समृद्धि का आशीर्वाद मांगा। चार दिवसीय छठ महापर्व के अंतिम दिन शनिवार सुबह शहर के विभिन्न घाटों पर भगवान भास्कर को श्रद्धालुओं ने अर्घ्य दिया। इसी के साथ छठ महापर्व संपन्न हो गया। विधि-विधान से सूर्योपासना एवं अर्ध्य के बाद व्रतियां व श्रद्धालु अपने-अपने घरों की ओर लाैट गए। लोक आस्था का महापर्व छठ का शुभारंभ 18 नवंबर को नहाय खाय के साथ शुरू हुआ था। इसके अगले दिन 19 नवंबर को खरना का व्रत था। खरना की पूजा के बाद 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत शुरू हुआ। 20 नवंबर की शाम छठ घाटों पर व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूरज को अर्ध्य दिया। शनिवार सुबह उदीयमान सूर्य को अर्ध्य के बाद पर्व संपन्न हो गया। शनिवार तड़के तीन बजे से ही व्रतियांं एवं श्रद्धालु घाटों पर पहुंच सूर्य देवता व छठी माई की उपासना शुरू की। सूर्योंदय सुबह 6:10 बजे के बाद अर्ध्य का सिलसिला चल पड़ा। सबके चेहरे एक साथ खिल उठे। छठ व्रतियां हाथ में सूप लिए पूजा में तल्लीन हो गई। अगल-बगल खड़े परिवार के सदस्य लोटे में जल एवं दूध भरकर बादल में छिपे सूर्य देवता को अर्घ देने लगे। जो पानी के अंदर नहीं पहुंच सके, वो सभी एक के पीछे एक कतार में खड़े हो गए। एक दूसरे को स्पर्श कर अर्घ देने की प्रक्रिया पूरी की। कोई पानी से तो कोई दूध से अर्ध्य देते दिखे। अपना और परिवार के अन्य सदस्यों का सूप चढ़ाने के बाद सुहागिनों ने एक दूसरे की मांग भरी और परिवार के सभी सदस्यों की खुशहाली व स्वास्थ्य की कामना की। इस दौरान छठ व्रतियों ने सुहागिनों को सिंदूर लगाने के साथ ही उनके खोईचा में ठेकुआ और फल का प्रसाद डाला। इस अवसर पर पटाखे भी खूब फूटे। माइक से छठ पूजा समिति द्वारा लगातार लोगों को हिदायत दिया जा रहा था। वहीं समितियों द्वारा श्रद्धालुओं को अर्घ के लिए गाय का दूध व अगरबत्ती भी दी गई। कोविड-19 संक्रमण और राज्य सरकार की गाइडलाइन का असर छठ तालाब पर देखने को मिला। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार भीड़ कम थी। लोगों ने शारीरिक दूरी तो जरूर बनाई। लेकिन मानक के अनुरूप नहीं था। अर्घ देने के समय दूरी का पालन नहीं हो सका। 90 फीसद लोगों ने मास्क नहीं लगा रखा था। सभी छठी मैया के भरोसे थे कि माई सबों की रक्षा अवश्य करेगी। मत्स्य विभाग के सतपोखर में पानी कम होने के कारण व्रतियों को थोड़ी बहुत परेशानी दिखी। वही घाटों पर सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन की अच्छी व्यवस्था थी। सभी प्रमुख जगहों पर मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस बल की तैनाती की गई थी। मत्स्यगंधा झील में भी काफी लोगों ने छठ पर्व मनाया। जहाँ सुरक्षा के लिए बोट एवं पेट्रोलिग पुलिस बल की व्यवस्था की गयी थी। वहीं शंकर चौक, मसोमात पोखर, गांंधी पथ पोखर, सहरसा बस्ती, शिवपुरी स्थित पोखर सहित अन्य पोखरों पर छठ व्रतियो की सुविधा के लिए बिजली सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गयी थी। साथ ही जिलाधिकारी कौशल कुमार एवं आरक्षी अधीक्षक राकेश कुमार सहित नव निर्वाचित विधायक डाॅ आलोक रंजन भी सभी छठ घाटों का जायजा लिया तथा लोगों को छठ की शुभकामनायें दी। हिन्दुस्थान समाचार/अजय-hindusthansamachar.in

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