गंगा और कोसी के कटाव से लोगों में दहशत, कई गांवों में घुसा बाढ़ का पानी
गंगा और कोसी के कटाव से लोगों में दहशत, कई गांवों में घुसा बाढ़ का पानी

गंगा और कोसी के कटाव से लोगों में दहशत, कई गांवों में घुसा बाढ़ का पानी

भागलपुर, 22 जुलाई (हि.स.)। गंगा और कोसी नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से भागलपुर जिले के कई गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। हालांकि बुधवार की रिपोर्ट के अनुसार विगत 2 दिनों से गंगा के जलस्तर में कमी आई है और यह खतरे के निशान के नीचे बह रही है। फिर भी गंगा नदी किनारे बसे दर्जनों गांवों में कटाव शुरू हो गया है। जिले के सबौर प्रखंड के बाबूपुर, राजंदीपुर, फरका, इंग्लिश, रामनगर, घोषपुर, अठगामा और शंकरपुर के दियारा क्षेत्र में कटाव होने लगा है। राजंदीपुर में सड़क पर पानी आ गया है जिससे लोगों को आवाजाही में भारी परेशानी हो रही है। रामनगर के वार्ड चार में बने आगनबाड़ी केंद्र का भवन शनिवार को गंगा में समा गया था। गांव के चारों ओर पानी फैल गया है। कटाव को देखते हुए कई लोगों ने अपना घर खाली करना शुरू कर दिया है। बता दें कि इसके पूर्व भी प्राथमिक विद्यालय लालूचक कटकर गंगा में समा गया था। ग्रामीणों ने रामनगर से बाबूपुर तक बांध निर्माण कराने की मांग की है। वहां पानी का स्तर बढ़ने से खेत में लगी सब्जी डूब गई है। उधर नवगछिया अनुमंडल में कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि का सिलसिला अभी भी जारी है। कोसी के जलस्तर के बढ़ने के कारण बिहपुर प्रखंड स्थित गोविंदपुर गांव में पानी घुस गया है। वहीं मुसहरी टोला स्थित सरकारी स्कूल कोसी नदी में समा चुका है। गांव में लगभग 20 घरों में पानी घुस चुका है। उधर खरीक प्रखंड के चोरहर, लोकमानपुर, भवनपुरा, रंगरा प्रखंड के सोहरा मदरौनी गांव में भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। कहलगांव में गंगा खतरे के निशान से महज 17 सेमी और इस्माइलपुर में 45 सेमी दूर है। बिहहपुर प्रखंड के विभिन्न गांवों में जहां कटाव जारी है वहीं हरियों पंचायत के गोविंदपुर गांव के 20 से अधिक घरों में बाढ़ का पानी घुस गया। इससे 100 से अधिक लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं। इन्हें खाने पीने से लेकर मवेशियों के चारा की दिक्कत हो रही है। बाढ़ प्रभावित लोग घर में चौकी, मचान समेत अन्य ऊंची जगह पर शरण लिए हुए हैं। बाढ़ प्रभावित ऋषिदेव, पंकज, सियाराम, बुलबुल, अनिल विपिन आदि लोगों बताया कि हमलोगों के सामने पेयजल, शौचालय समेत खाने-पीने की व्यवस्था एक बड़ी समस्या बन गई है। इस्माइलपुर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से महज 45 सेंटीमीटर नीचे है। परबत्ता धार पर ग्रामीणों के सहयोग से बनाए गए बांध के ध्वस्त होने के बाद नदी का पानी तेजी से इस्माइलपुर दियारा में फैल रहा है। बाढ़ की संभावना को लेकर लोग ऊंचे स्थानों पर जाने की तैयारी करने लगे हैं। इस्माइलपुर के लोगों का कहना है कि परबत्ता धार का बांध बहने से हम लोगों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गयी है। नवगछिया के रंगरा प्रखंड के एक दर्जन से अधिक लोगों के घरों में कोसी नदी का पानी प्रवेश कर चुका है। वहीं नदी का पानी मदरौनी पंचायत सहित आसपास के इलाकों में पूरी तरह से फैल गया है। बाढ़ के पानी के कारण मदरौनी पंचायत के कई गांवों में हजारों एकड़ में लगी फसल भी पानी में डूब गई है। वहीं कहलगांव के पीरपैंती के रानी दियारा में कटाव काफी तेज हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि रानी दियारा में एक बार कटाव तेज हो गया है। इसी प्रकार से कटाव होते रहा तो कई घर कटाव की भेंट चढ़ सकता है। तौफिल, अनठावन, बटेश्वर आदि जगहों पर कटाव होने लगा है। प्रखंड दियारा क्षेत्र जलमग्न हो गया है। खासकर गंगा किनारे के गांवों के चारों ओर पानी फैल गया है। रानीदियारा व टपुआ के ग्रामीणों ने बताया कि रानीदियारा की ओर पश्चिम दिशा में तेजी से कटाव हो रहा है, जहां किसानों की मक्का, मिर्च आदि की फसल नदी में समा रही है। बताया गया कि वहां गंगा कई दिनों से एक गहरी लूप बना रही है। इसपर शीघ्र रोक नहीं लगायी गयी तो बरोहिया, सुब्बानगर आदि गांव पर भी खतरा बढ़ जाएगा। अभी कटाव रोकने के लिए एज कटिंग के अलावा बंबू रौल का भी कार्य तेज कर दिया गया है, ताकि कटाव रोका जा सके। उधर बूढ़ानाथ घाट का पानी मसानी काली व दीपनगर घाट का पानी भट्ठा तक पहुंच गया है। पानी बढ़ने के कारण शंकरपुर दियारा, बिंदटोली, चौवनिया दियारा व दिलदारपुर दियारा के कई किसानों ने बमकाली के पास में परती जमीन में झोपड़ी बनाना शुरू कर दिया है। कई किसानों ने गाय व अनाज लाकर यहां रखना शुरू कर दिया है। हिन्दुस्थान समाचार/बिजय/हिमांशु शेखर/विभाकर-hindusthansamachar.in

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