एशिया का पहला डॉलफिन रिसर्च सेंटर 30 करोड़ से पटना में बनेगाः उपमुख्यमंत्री
एशिया का पहला डॉलफिन रिसर्च सेंटर 30 करोड़ से पटना में बनेगाः उपमुख्यमंत्री

एशिया का पहला डॉलफिन रिसर्च सेंटर 30 करोड़ से पटना में बनेगाः उपमुख्यमंत्री

पूरे देश के डॉलफिन की आधी आबादी 1,455 बिहार में बिहार में गंगा का पानी जलीय जीवन के अनुरूप सुल्तानगंज-कहलगांव के 60 किमी क्षेत्र ‘बिक्रमशिला गांगेय डॉलफिन सेन्चुरी’ घोषित है पटना, 15 सितम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री मंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बिहार में अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी 543 करोड़ की लागत से परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास के लिए मंगलवार को आयोजित वर्चुअल समारोह में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ‘प्रोजेक्ट डॉलफिन’ की घोषणा के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि पटना विश्वविद्यालय के 2 एकड़ परिसर में 30.52 करोड़ रुपये की लागत से एशिया का पहला डॉलफिन रिसर्च सेंटर की स्थापना की जा रही। मोदी ने कहा कि 2018-19 के सर्वेक्षण के अनुसार पूरे देश में 3031 डॉलफिन में से करीब आधी संख्या 1455 बिहार में पाई गई हैं। सुल्तानगंज-कहलगांव के 60 किमी क्षेत्र को ‘बिक्रमशिला गांगेय डॉलफिन सेन्चुरी’ घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि गंगा किनारे के 57 ऐसे सर्वाधिक प्रदूषण पैदा करने वाले उद्योगों की पहचान की गई हैं जहां जीरो लिक्विड डिस्चार्ज और एक-एक इफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित कर औद्योगिक कचरे के बहाव को रोका गया है। इसके परिणामस्वरूप गंगा बिहार में औद्योगिक प्रदूषण से मुक्त है। 34 स्थलों से संग्रहित गंगा जल की जांच में उसे जलीय जीवन के अनुरूप पाया गया है, मगर मल-जल और सीवेज के पानी के कारण गंगा जल पीने और स्नान करने योग्य नहीं है। उन्होंने कहा कि 155.88 करोड़ की लागत से गंगा किनारे के 12 जिलों जिनमें बक्सर, भोजपुर, वैशाली, छपरा और पटना में 103 कलस्टर में जैविक खेती की जा रही है। 2005 के पहले के 15 वर्षों की 1,114.62 करोड़ की तुलना में एनडीए सरकार के 15 साल में नगर विकास का खर्च 34 गुना बढ़ कर 34,217.49 करोड़ हो गया है। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/विभाकर-hindusthansamachar.in

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