एनडीए व कांग्रेस का नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार का उच्च स्तरीय जांच की मांग
एनडीए व कांग्रेस का नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार का उच्च स्तरीय जांच की मांग

एनडीए व कांग्रेस का नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार का उच्च स्तरीय जांच की मांग

गया, 23 अगस्त (हि.स.) राजग और कांग्रेस का आरोप है कि गया नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार और सरकारी राशि की बंदरबांट के कारण गया शहर सबसे गंदा शहर में शुमार हुआ है। उल्लेखनीय है कि स्वच्छ भारत सर्वेक्षण रिपोर्ट-2020 के अनुसार गया शहर को सबसे गंदा शहर घोषित किया गया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधान पार्षद कृष्ण कुमार सिंह का आरोप है कि नगर निगम में भयावह भ्रष्टाचार व्याप्त है।प्लास्टिक उन्मूलन अभियान के नाम पर कई लाख रुपया सांस्कृतिक कार्यक्रम के नाम पर खर्च किया गया। जबकि आवंटन मात्र दो लाख रुपए था।श्री सिंह ने मुख्यमंत्री से नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच उच्च स्तरीय एजेंसी से कराने की मांग की है। वहीं, जदयू के वरिष्ठ नेता लालजी प्रसाद के अनुसार निगम में भ्रष्टाचार को लेकर एक मोटी किताब लिखी जा सकती है।जो सामान बाजार में दस रूपए में मिलेगा। वहीं,नगर निगम में कई गुणा अधिक मूल्य पर क्रय किया जाता है। लालजी प्रसाद के शब्दों में नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव, मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक को कई बार पत्र लिखा गया। लेकिन इस मामले में "मुख्य कलाकार" हर बार जांच को रोकवाने में कामयाब हो जाता है। वहीं, कांग्रेस के अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य सह मगध प्रमंडल कांग्रेस प्रवक्ता सह गया महानगर विकास संघर्ष समिति के संयोजक प्रो विजय कुमार मिठू, डॉ मदन कुमार सिन्हा, प्रो अरुण कुमार प्रसाद, शशि किशोर शिशु, बैजू प्रसाद, बाबूलाल प्रसाद सिंह,ओंकार नाथ सिंह, अमरजीत कुमार, टिंकू गिरी, शिव कुमार चौरसिया, सकलदेव चंद्रवंशी, कमलेश चंद्रवंशी, संटू सिन्हा आदि ने घर निगम कार्यालय के समक्ष शनिवार को प्रर्दशन किया। नेताओं ने कहा है कांग्रेस पार्टी गया शहर की जनता के सहयोग से विगत तीन वर्षो से गया शहर को देश के स्मार्ट शहरों की सूची में शामिल करने हेतु संघर्ष कर रही है। दर्जनों बार केंद्रीय शहरी विकास मंत्री को ज्ञापन भी भेजा गया है। इस संबंध में गया नगर निगम का प्रतिनिधि मंडल भी केंद्रीय शहरी विकास मंत्री से तत्कालीन सांसद हरि मांझी के साथ 2018 में मिला भी था।लेकिन अफसोस इस बात का है कि गया नगर निगम विगत दो वर्षो में भी स्वच्छता रैंकिंग नहीं सुधर पाया। नेताओं ने कहा है कि इसके लिए जो भी जिम्मेदार है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाए। हिंदुस्थान समाचार/ पंकज/चंदा-hindusthansamachar.in

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