एकजुट हुए युवा, खाद कारखाना प्रबंधन को करना  होगा मैदान का विकास
एकजुट हुए युवा, खाद कारखाना प्रबंधन को करना होगा मैदान का विकास

एकजुट हुए युवा, खाद कारखाना प्रबंधन को करना होगा मैदान का विकास

बेगूसराय, 14 सितम्बर (हि.स.)। बेगूसराय में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण सही तरीके का एक भी मॉर्निंग वॉक या रनिंग ट्रैक नहीं है। इसके कारण विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जहां कहीं जगह है तो व्यवस्था की घोर कमी है। ऐसी ही एक जगह है निर्माणाधीन खाद कारखाना के बगल का मैदान। बीहट में स्थित यह मैदान धीरे-धीरे अपना अस्तित्व खो रहा है लेकिन इसे बचाने के लिए युवा अब आगे आ गए हैं। इस एचएफसी मैदान के समुचित विकास की मांग हर्ल प्रबंधन के समक्ष रखने के लिए मैदान से जुड़े युवा एवं समाज के बुद्धिजीवी लोगों की बैठक सोमवार को आयोजित की गयी। बैठक का संचालन यशस्वी आनंद एवं अंशु कुमार ने किया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए राम रतन सिंह ने कहा कि आस-पास के दर्जनों गांवों के लोगों का सम्मान एवं स्मृतियां इस मैदान से जुड़ी हुई हैंं। इसको संरक्षित एवं सुरक्षित रखना हम सभी लोगों की नैतिक जिम्मेदारी है। खिलाड़ियों एवं संरक्षण मंडल का एक प्रतिनिधि मंडल जल्द हर्ल प्रबंधन से मिलकर इसके जीर्णोद्धार की मांग करेगा। बैठक को संबोधित करते हुए भाजपा के प्रदेश मंत्री राम लखन सिंह ने कहा कि हर्ल प्रबंधन कभी भी इसका अधिग्रहण या अतिक्रमण नहीं कर सकता है। हजारों युवाओं , विभिन्न राजनीतिक रैलियों, सांस्कृतिक एवं खेल प्रतियोगिताओं एवं सीमा पर शहादत तक की स्मृतियां इस मैदान से जुड़ी हुई हैंं। बेगूसराय जिले के ऐतिहासिक मैदान के रूप में स्टेडियम बनाकर इसे विकसित करने की मांग हम स्थानीय प्रबंधन से लेकर केंद्रीय खेल मंत्रालय तक करेंगे। युवाओं के सपनों को साकार एवं जीवंत रखने के लिए हम संकल्पित हैं।मौके पर गौरव कुमार ने कहा कि पिछले दिनों ग्राउंड में ट्रक की पार्किंग का युवाओं ने जमकर विरोध किया था, अगर आगे भी इस तरह का रवैया हर्ल प्रबंधन ने अपनाया तो हम सभी युवा प्रबंधन के विरुद्ध चरणबद्ध आंदोलन के लिए स्वतंत्र होंगे। बैठक को पूर्व मुख्य पार्षद अशोक सिंह, पूर्व मुखिया रामाधार सिंह, जयप्रकाश सिंह, ललन सिंह, प्रह्लाद सिंह एवं रामकृष्ण ने भी संबोधित किया। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/विभाकर-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in