आरा में विधि कॉलेज को बन्द करने पर भड़के शिवानन्द तिवारी, राज्यपाल को लिखा पत्र
आरा में विधि कॉलेज को बन्द करने पर भड़के शिवानन्द तिवारी, राज्यपाल को लिखा पत्र

आरा में विधि कॉलेज को बन्द करने पर भड़के शिवानन्द तिवारी, राज्यपाल को लिखा पत्र

आरा,07 दिसम्बर (हि.स.)। करीब 55 वर्षो पूर्व आरा के महाराजा कॉलेज में विधि स्नातक की पढ़ाई की सरकार द्वारा मान्यता मिलने और अब इस संकाय को बन्द कर देने का मामला गरमाने लगा है। महाराजा कॉलेज में इस संकाय की पढ़ाई को 22 अक्टूबर 2020 से बन्द करने के कुलपति के फैसले पर अब बड़ा राजनैतिक हस्तक्षेप हुआ है। राजद के वरिष्ठ नेता शिवानन्द तिवारी ने राज्य के राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान को पत्र लिखकर महाराजा कॉलेज में दशकों से चल रही विधि की पढ़ाई को शुरू कराने की मांग की है। वर्ष 1965 में महाराजा कॉलेज में विधि की पढ़ाई शुरू करने का राज्य सरकार ने स्वीकृति दिया था।महाराजा कॉलेज के विधि विभाग को अंगीभूत कॉलेज के रूप मान्यता मिली थी। बिहार सरकार ने इसे अंगीभूत कॉलेज के तौर पर ही संबंद्धन दिया था।तब बिहार में मात्र दो तीन जिलो में ही विधि की पढ़ाई की मान्यता थी। महाराजा कॉलेज से विधि स्नातक की पढ़ाई कर विधि के छात्र हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश तक बने। बाद में बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा विधि के लिए महाराजा विधि महाविद्यालय के तौर पर भी मान्यता दी गई। बाद के दिनों में वर्ष 2007 में तब के राज्यपाल सह कुलाधिपति ने इस विधि कॉलेज को फिर से विधि संकाय में बदल दिया। राज्यपाल सह कुलाधिपति के इस निर्णय को पटना उच्च न्यायालय ने पलट दिया और पुनः इसे कॉलेज के रूप में मान्यता बरकरार रखने का आदेश दिया था। कानूनी दांव पेंच में यह महाविद्यालय ऐसे उलझा की एक बार फिर वर्तमान कुलपति प्रो.डॉ. देवी प्रसाद तिवारी ने इस कॉलेज को ही बन्द करने का आदेश जारी कर दिया है। अब भोजपुर के छात्रो को विधि स्नातक की पढ़ाई के लिए संकट का सामना करना पड़ रहा है।ऐसे में शिवानन्द तिवारी के हस्तक्षेप को अहम माना जा रहा है।उम्मीद है कि शाहाबाद के सबसे पुराने विधि संस्थान को पुनः चालू करने की स्वीकृति मिलेगी। कुलाधिपति को भी चाहिए कि अगर इस कॉलेज को मान्यता देने में कही कोई तकनीकी अड़चन है तो उसे दूर करके या सुधारकर ही इसे मान्यता देने की पहल करनी चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र-hindusthansamachar.in

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