अब नहीं जाएंगे परदेस, गांव में रहकर ही बनाएंगे सशक्त बिहार-आत्मनिर्भर भारत
अब नहीं जाएंगे परदेस, गांव में रहकर ही बनाएंगे सशक्त बिहार-आत्मनिर्भर भारत

अब नहीं जाएंगे परदेस, गांव में रहकर ही बनाएंगे सशक्त बिहार-आत्मनिर्भर भारत

बेगूसराय, 05 अगस्त (हि.स.)। कोरोना वायरस ने देश भर में भागम-भाग की हालत भले ही उत्पन्न कर दिया है। लेकिन बिहार के लिए यह किसी अवसर से कम नहीं है। देश के विभिन्न शहरों को उन्नत बनाने वाले, बड़े-बड़े औद्योगिक संस्थान खड़ा करने वाले बिहारी श्रमिक काम-धंधा बंद होने के बाद घर लौट कर आए हैं तो अब यहीं स्वरोजगार शुरू करने का सपना देख रहे हैं। अधिकांश श्रमिक अब फिर से बाहर लौटकर जाने को तैयार नहीं हैं तथा यहीं पर स्वरोजगार के नए आयाम खड़ा कर एक बार फिर औद्योगिक बिहार के सपनों को साकार करने में लग गए हैं। अधिकांश प्रवासी श्रमिकों की इच्छा है कि अब बिहार में नई-नई फैक्ट्रियां लगे, इन फैक्ट्रियों के माध्यम से हम लोगों को जब गांव में रोजगार मिल जाएगा तो हम सशक्त बिहार, आत्मनिर्भर भारत के नींव को मजबूत करेंगे। देश के बड़े-बड़े फैक्ट्रियों से लौट कर आए श्रमिक बेगूसराय में जूता फैक्ट्री, सैनिटाइजर फैक्ट्री, सर्फ साबुन फैक्ट्री, हैंड वॉश, खिलौना, सीमेंट का ईट समेत कई अन्य फैक्ट्री लगाने की सोच रहे हैं। ताकि लोगों को परदेस जाने वाले श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर ही काम मिल सके। स्वरोजगार के लिए सरकार जहां औद्योगिक नवप्रवर्तन योजना चलाकर श्रमिकों को अधिक से अधिक रोजगार दिलाने की कवायद कर रही है। वहीं, विभिन्न औद्योगिक समूह द्वारा भी इसमें सहयोग किया जा रहा है। बरौनी डेयरी भवानंदपुर के जूता चप्पल श्रमिकों को कलस्टर बनाकर संसाधन मुहैया कराएगी। इन श्रमिकों को जूता चप्पल बनाने के लिए रॉ मटेरियल उपलब्ध कराया जाएगा। बाजार की व्यवस्था भी बरौनी डेयरी ही करेगा। इसके लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार किए जा रहे हैं। उद्योग विभाग और श्रम संसाधन विभाग प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत सपनों को साकार करने के लिए श्रमिकों का हौसला अफजाई कर रहे हैं। दिल्ली से लौटे महेश महतों, रामानंद महतों, भवेश राय, रामबली राय आदि ने बताया कि लॉकडाउन में हम लोगों का काम बंद हो गया था। लेकिन घर आने का कोई सुरक्षित उपाय नहीं था, तो वहीं रह रहे थे। उसके बाद जून से कुछ कुछ काम भी शुरू हो गया तो काम कर अपना गुजारा कर रहे थे। लेकिन अब हमारे बिहार में, हमारे जिला में शासन-प्रशासन रोजगार देने के लिए बड़े पैमाने पर उद्योग की स्थापना कर रही है। इसकी जानकारी हम लोगों को विभिन्न श्रोतों से मिली, घर के लोग भी गांव आ जाने के लिए फोन कर रहे थे, जिसके कारण गांव आ गए हैं। यहीं पर खुद आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ गांव के बेरोजगारों को भी इस योजनाओं से जोड़ेंगे। इससे गांव में ही रहकर हमारी खुद की आत्म निर्भरता होगी तो परदेस जाने वाले अन्य लोग भी आप निर्भर बनेंगे। इससे एक ओर सशक्त बिहार का निर्माण होगा, तो दूसरी ओर देश के समग्र विकास में लगे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपनों का भी आत्मनिर्भर भारत बनेगा। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र-hindusthansamachar.in

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