अब अश्विन पोर्टल से आशा कार्यकर्ता खुद बनाएंगी अपनी हाजिरी व वेतन विपत्र
अब अश्विन पोर्टल से आशा कार्यकर्ता खुद बनाएंगी अपनी हाजिरी व वेतन विपत्र

अब अश्विन पोर्टल से आशा कार्यकर्ता खुद बनाएंगी अपनी हाजिरी व वेतन विपत्र

छपरा, 07 दिसम्बर (हि.स.)।आशा कर्मियों को अब अश्विन पोर्टल के माध्यम से अपने किए हुए कार्यों का मेहनताना खुद से अपलोड करना होगा। इसके लिए आशा कर्मियों को यह निर्देश दिया गया कि जो भी काम करती हैं। इस काम के मेहनताने का सारा डिटेल खुद से भर के अश्विन पोर्टल पर अपलोड कर देना है। इस तरह के अब इन लोगों को बीसीएम और प्रबंधक के ऊपर अपने वेतन के लिए आश्रित नहीं रहना होगा। जिसके कारण इनको समय से वेतन का भुगतान हो जाएगा। सरकार ने आशा कार्यकर्ताओं के प्रोत्साहन राशि के भुगतान के लिए ई अश्विन पोर्टल लांच किया है। अश्विन पोर्टल पर अपलोड करना होगा कार्यों का ब्यौरा : सरकार द्वारा आशा कार्यकर्ताओं के लिए जारी अश्विन पोर्टल आशा वर्कर परफारमेंस एंड इंसेंटिव पोर्टल के माध्यम से आशा अपना दावा प्रपत्र एवं अश्विन पोर्टल पर लोड करेगी। जिसके बाद वह एएनएम के पास पहुंच जाएगा, एएनएम द्वारा सत्यापन के पश्चात संबंधित प्रखंड के बीसीएम द्वारा सत्यापित किया जाएगा। जिसके बाद प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के माध्यम से राज्य को पोर्टल के माध्यम से प्रोत्साहन राशि भुगतान के लिए भेज दिया जाएगा। वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दिया गया है प्रशिक्षण: जिला स्वास्थ्य समिति सामुदायिक उत्प्रेरक ब्रजेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पोर्टल के माध्यम से भुगतान के लिए समय सीमा निर्धारित किया गया है, जिससे कि प्रोत्साहन राशि के भुगतान में पूरी पारदर्शिता अपनाया जा सके। इस संबंध में 5 दिसंबर को प्रखंड के सभी आशा एएनएम एवं आशा फैसिलिटेटर एवं बीसीएम को भुगतान की प्रक्रिया संबंधित पोर्टल की जानकारी राज्य द्वारा बीसी के माध्यम से दिया गया। स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाने में आशा की भूमिका अहम: सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने बताया कि जिले की आशा कार्यकर्ता स्वस्थ्य गांव की विकास के लिए बीमारियों से बचाव तथा स्वास्थ्यवर्धन के कार्य करती है। ग्रामीण स्वास्थ्य एवं पोषण स्वच्छता दिवस को आयोजित करने में आशा की प्रमुख भूमिका है। बच्चों को टीकाकरण के लिए केन्द्र लाना, माता तथा गर्भवती स्त्रियों को आंगनबाड़ी केन्द्र लाकर उनकी जांच करने में मदद करना। सुरक्षित मातृत्व एवं बाल मृत्यु दर कम करने के लिए संस्थागत प्रसव के लिए आशा प्रमुख प्रेरक है। वह प्रसव के समय गर्भवती महिला के साथ स्वास्थ्य संस्था में जाती है। गांव में स्वच्छता, साफ पानी, सुरक्षित मातृत्व, बच्चों का स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं पोषण आदि के बारे में जागरूकता तथा ग्रामवासियों द्वारा इसे हासिल करने में आशा की भूमिका है। यह कार्य आशा एएनएम तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ मिलकर करती है। हिन्दुस्थान समाचार / गुड्डू राय-hindusthansamachar.in

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