अपराध नियंत्रण में विफल बड़े पुलिस अधिकारियों पर गिरेगी गाज
अपराध नियंत्रण में विफल बड़े पुलिस अधिकारियों पर गिरेगी गाज

अपराध नियंत्रण में विफल बड़े पुलिस अधिकारियों पर गिरेगी गाज

-मुख्यमंत्री ने लगातार पांच घंटे तक की राज्य की विधि-व्यवस्था की समीक्षा -कहा, जाँच में नई तकनीक का इस्तेमाल कर अपराधियों का स्पीडी ट्रायल करवाकर दिलाएं सजा दिलाने पटना, 09 दिसम्बर (हि.स.) । लगता है बिहार के दुर्दांत अपराधियों में पुलिस का खौफ खत्म हो गया है। इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार विधि-व्यवस्था पर उच्च स्तरीय बैठकें कर रहे हैं लेकिन नतीजा सिफर ही दिख रहा है। पिछले दस दिनों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दूसरी बार राज्य की विधि-व्यवस्था की समीक्षा की और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने बुधवार को करीब पांच घंटे तक उच्चस्तरीय बैठक में बिहार की विधि-व्यवस्था की समीक्षा की और कहा कि बड़े अपराधों में केवल थानास्तर के अधिकारियों पर ही कार्रवाई नहीं की जाए बल्कि जिले से लेकर पुलिस रेंज और जोनल स्तर के अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की जाए। उन्होंने राज्य में लागू पूर्ण शराबबंदी कानून को और अधिक प्रभावी बनाया जाए। विधि-व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री की इस समीक्षा बैठक में राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार के साथ-साथ गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, डीजीपी इसके सिंघल समेत राज्य पुलिस मुख्यालय के सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बैठक में डीजीपी व गृह सचिव को स्पष्ट लहजे में कहा कि पेट्रोलिंग में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों से सवाल किया कि सूबे में आखिर पुलिस गश्त इतनी सुस्त क्यों नहीं है। उन्होंने साफ-साफ कहा कि सिर्फ छोटे अधिकारियों पर ही नहीं बल्कि लापरवाह बड़े अधिकारियों पर भी एक्शन लिया जाए। अगर कहीं अपराध होता है तो थाने के अधिकारियों पर ही कारवाई नहीं होगी बल्कि बड़े अधिकारी भी इसके लिए ज़िम्मेदार माने जाएंगे और उनपर भी सख्त कार्रवाई की जाए। बैठक में मुख्यमंत्री ने यह भी पूछा कि आखिर अचानक राज्य में अपराध बढ़ने की वजह क्या है? उन्होंने अफसरों से कहा कि पुलिस नई तकनीक पर फोकस करें। जांच में नई तकनीक का उपयोग करे और साथ ही अपराधियों का स्पीडी ट्रायल कराकर सजा दिलाने का प्रयास करिये। सीएम ने एक बारफिर से अधिकारियों को निर्देश दिया है कि भूमि विवाद क्राइम की एक बड़ी वजह है। लिहाजा भूमि विवाद के मामलों में डीएम-एसपी खुद पहल करें और बैठक कर इसका समाधान निकालें। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि पेशेवर अपराधियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएं। जिन थाना क्षेत्रों में क्राइम के ग्राफ बढ़े हैं, उनकी समीक्षा कर लापरवाह अधिकारियों पर तत्काल एक्शन लें। साथ ही जिओ फेसिंग तकनीक से गश्ती की निगरानी सुनिश्चित करें। ट्रैफिक जाम की समस्या के समाधान के लिए आवश्यक कार्यवाही करें, ताकि आवागमन में किसी प्रकार की समस्या न हो। मुख्यमंत्री ने 5 घंटे तक हाई लेवल मीटिंग कर अफसरों को साफ-साफ कह दिया कि क्राइम कंट्रोल में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव रंजन-hindusthansamachar.in

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