अनाथ व बेसहारा बच्चों की देखभाल करना ईश्वर की स्तुति करने जैसा
अनाथ व बेसहारा बच्चों की देखभाल करना ईश्वर की स्तुति करने जैसा

अनाथ व बेसहारा बच्चों की देखभाल करना ईश्वर की स्तुति करने जैसा

बेतिया, 18 सितम्बर (हि.स.)। जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने शुक्रवार को समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित झिलिया बाल गृह का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी ने बाल गृह के संचालक से कहा कि यहां पर रह रहे बच्चों की देखभाल अच्छे तरीके से करें। किसी भी बच्चे को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इस बात का विशेष ध्यान रखें। हर बच्चे की देखभाल अपने बच्चे की तरह ही करें, अगर किसी बच्चे को कोई परेशानी होती है तो उसका निराकरण तुरंत करें। बच्चों की देखभाल करने में किसी भी प्रकार की लापरवाही एवं कोताही नहीं बरती जानी चाहिए। पूरी मानवीय संवेदना के साथ बच्चों की देखभाल करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अनाथ और बेसहारा बच्चों की देखभाल करना ईश्वर की स्तुति करने जैसा है। इस कार्य को पूरी आत्मीयता के साथ करें। निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी ने बच्चों को दी जा रही विभिन्न प्रकार की सुविधाओं का जायजा लिया तथा संबंधित पदाधिकारियों से इस संदर्भ में आवश्यक जानकारी ली। उन्होंने पदाधिकारियों को बाल गृह की उचित देखभाल के लिए दिशा-निर्देश दिया। निरीक्षण के दौरान कुछ बच्चे पढ़ाई कर रहे थे। जिलाधिकारी बच्चों के अध्ययन स्थल पर जाकर एक शिक्षक की भांति उनसे रूबरू हुए। बच्चे जो पढ़ाई कर रहे थे जिलाधिकारी ने उनसे संबंधित पूछताछ की। निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी ने पाया कि यहां बाल गृह के कुछ बच्चे पढ़ने में काफी अच्छे हैं। उन्होंने उपस्थित शिक्षक को बेहतर तरीके से पठन-पाठन का कार्य करने की नसीहत भी दी। जिलाधिकारी ने कहा कि बाल गृह में स्मार्ट क्लासरूम भी हैं। बच्चों को इसका लाभ मिलना चाहिए तभी स्मार्ट क्लास रूम की सार्थकता होगी। उन्होंने कहा कि वर्ग-09 एवं वर्ग 10 के बच्चों को उन्नयन क्लासेज के माध्यम से लाभान्वित किया जाय। साथ ही इनके पठन-पाठन के लिए पाठ्य पुस्तक, काॅपी, कलम, पेंसिल, रबर आदि की समुचित व्यवस्था हर हाल में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को दिये जा रहे खान—पान में गुणवत्ता के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं होना चाहिए। उन्हें उच्च गुणवतापूर्ण खान—पान ससमय मुहैया करायी जाय। सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, अभय कुमार ने बताया कि झिलिया बाल गृह में वर्तमान में 16 बच्चे आवासित हैं। इन बच्चों को समय-समय पर उच्च गुणवत्तापूर्ण खान—पान उपलब्ध कराया जाता है। इसके लिए दैनिक आहार सूची के अनुसार सुबह के नाश्ते में पूड़ी, चना सब्जी, भूजा, रोटी, आलू भूजिया, काबूली चना, छोला, अंडा, ब्रेड दिया जाता है। वहीं दोपहर के भोजन में चावल, दाल, सब्जी, खिचड़ी, सलाद आदि, शाम के नाश्ते में भूजा एवं चूड़ा, चूड़ा का पोहा, सूजी का मीठा हलवा, गर्मी के दिनों में सतू पानी, मकई का चूड़ा, मौसमी फल आदि, रात के भोजन में रोटी, सब्जी, सेवई आदि तैयार खाद्य सामान दिये जाते हैं। उन्होंने बताया कि हर दिन रात्रि में सोते समय बच्चों को दूध दिया जाता है। उन्होंने बताया कि बाल गृह में रहने वाले बच्चों के लिए दैनिक क्रिया—कलाप का चार्ट बनाया गया है उसी के अनुरूप सारे कार्यों को सम्पन्न कराया जाता है जिसमें प्रातः 06.00 बजे उठना उसके बाद, नित्यक्रिया, योग/व्यायाम, स्नान, नाश्ता, प्रार्थना, अध्ययन, मध्याह्न भोजन, आराम, शाम का नाश्ता, संगीत,खेल, कम्प्यूटर, अध्ययन, मनोरंजन, टीवी, रात्रि भोजन, रात्रि ब्रश तदुपरांत रात्रि विश्राम कराया जाता है। उन्होंने बताया कि बाल गृह में सीसीटीवी का अधिष्ठापन भी कराया गया है ताकि बच्चों की विभिन्न गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। इस अवसर पर संबंधित अधिकारी और कर्मी उपस्थित रहे। हिंदुस्थान समाचार / अमानुल हक/हिमांशु शेखर/विभाकर-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in