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भागमभाग वाले इस आधुनिक जीवन शैली में बहुत जरूरी है योग : चंद्रशेखर अधिकारी

बेगूसराय, 06 मार्च (हि.स.)। मानव जीवन का पहला सुख है निरोगी काया और निरोग रहने के लिए सबसे जरूरी है योग। इस वर्तमान आधुनिक युग में व्यस्तता और मन की व्यग्रता बढ़ने के कारण योग का महत्व बढ़ गया है। मन और शरीर के अत्यधिक तनावग्रस्त, वायु प्रदूषण तथा भागमभाग की जीवनशैली से रोगग्रस्ता बढ़ने के कारण आज आधुनिक मनुष्य को योग की ज्यादा आवश्यकता है। योग ही भविष्य का धर्म और विज्ञान भी है। यह बातें क्रीड़ा भारती के उत्तर बिहार प्रांतीय अध्यक्ष चंद्रशेखर अधिकारी ने शनिवार को बेगूसराय में प्रांतीय प्रशिक्षण में शामिल होने आए कार्यकर्ताओं को योगाभ्यास कराते हुए कही। इस मौके पर उन्होंने सभी कार्यकर्ताओंं से प्रत्येक दिन योग, प्रणायाम एवं सूर्य नमस्कार करने तथा लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज और ऋषि मुनि लंबी जिंदगी जीते थे। उनके लंबे और स्वस्थ जिंदगी के जीवन का राज योग ही था। योगासनों के माध्यम से शारीरिक शक्तियों का विकास किया जा सकता है। शरीर को हृष्ट-पुष्ट बनाने, अंग-प्रत्यंगों की कार्यक्षमता बढ़ाने तथा उसे नियोग रखकर ओजस्वी एवं कांतिमय बनाने में योग साधना का अधिक महत्व है। उपनिषद में कहा भी गया है 'न तस्य रोगो न जरा न मृत्युः, प्राप्तस्य योगाग्निमयं शरीरम्।' खेल भी अपने आप में योग क्रिया ही हैं, लेकिन उसके लिए भी ऋषि मुनि द्वारा सुझाए गए योग और प्राणायाम की क्रिया को अपनाना हम सबके जीवन का उद्देश्य होना चाहिए। योग कराते हुए प्रांतीय मंत्री अमित ठाकुर ने कहा कि जीवन में सकारात्मक विचारों का होना बहुत जरूरी है, क्योंकि निराशात्मक विचार असफलता की ओर ले जाता है। योग से मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है तथा आत्मिक बल प्राप्त होकर मन से चिंता, विरोधाभास एवं निराशा की भावना दूर की जा सकती है। योग, प्राणायाम और सूर्य नमस्कार से मन को आत्मिक शांति एवं आराम मिलने के कारण मन में प्रसन्नता एवं उत्साह का संचार होता है तथा इसका सीधा असर व्यक्तित्व विकास एवं स्वास्थ पर पड़ता है। इसलिए जीवन के सामर्थ्य का सही नियोजन करने के लिए नियमित योग करें। हमारी योग पद्धति को दुनिया ने अपनाया और हम इससे दूर होते जा रहे हैं, इसके लिए हम तमाम कार्यकर्ताओं को जागृत होना होगा। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र

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