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वट सावित्री व्रत रखकर की अखंड सौभाग्य की कामना, वट वृक्ष का किया पूजन

पूर्णिया 10 जून (हि.स.)। पूर्णिया में अत्यधिक गर्मी के बावजूद महिलाओं ने व्रत रहकर वट वृक्ष की पूजा कर पति की दीर्घायु, अखंड सौभाग्य व परिवार की उन्नति की कामना की। इसके लिए सुबह से ही वट वृक्षों के निकट भीड़ लगी रही। महिलाओं ने विधि-विधान से पूजन किया। बता दें कि गुरूवार को एक साथ तीन संयोग पड़ रहे हैं। आज साल का पहला सूर्यग्रहण, वट सावित्री व्रत और शनि जयंती पड़ रही है। ऐसे में सूर्यग्रहण के समय से पूर्व ही व्रत व पूजन करना लाभकारी माना जा रहा है। श्री राम जानकी मंदिर पूर्णिया रौटा के पुरोहित श्री यमुना झा ने बताया कि ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि को वट सावित्री व्रत रखा जाता है। महिलाएं ये व्रत पति की दीर्घायु, अखंड सौभाग्य व परिवार की उन्नति के लिए रखती हैं। इस दिन वट वृक्ष की पूजा करना श्रेयस्कर माना जाता है। महिलाओं ने सुबह स्नान कर बांस की टोकरी में सप्त धान्य रखकर ब्रह्मा व सावित्री की मूर्ति की स्थापना तथा दूसरी टोकरी में सत्यवान व सावित्री की मूर्तियों की स्थापना की फिर यह टोकरियां वट वृक्ष के नीचे रखकर वृक्ष की जड़ में जल दिया और सावित्री व सत्यवान की पूजा की। पूजा में जल, मौली, रोली, कच्चा सूत, भीगा चना, फूल व धूप चढ़ाया। वटवृक्ष के तने पर सात बार परिक्रमा कर कच्चा सूत लपेटा। हिन्दुस्थान सामाचार/नन्दकिशोर

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