पानी सम्मेलन का आयोजन, आज वैश्विक संकट बन गया है पानी :उदय

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भागलपुर, 26 मार्च (हि.स.)। परिधि के तत्वाधान में शुक्रवार को कहलगांव के रामपुर खड़हरा स्थित ज्ञान गंगा पब्लिक स्कूल में पानी सम्मेलन का आयोजन किया गया।कार्यक्रम का संचालन और आगन्तुकों का स्वागत पवन ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत जय नारायण के गाये गीत से हुआ। परिधि के निदेशक उदय ने बिषय प्रवेश कराते हुए कहा कि पानी आज वैश्विक संकट बन गया है। प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता दिन प्रतिदिन घटती जा रही है। पानी पर बाजार, जनसंख्या, जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण का चौतरफा हमला हो रहा है। दुनियां में तीन प्रतिशत पानी ही उपयोग के लायक है।शेष 97 प्रतिशत पानी खारा है। नदियां पानी का प्राकृतिक संसाधन है। प्राकृतिक संसाधन होने के कारण नदियों से पानी लेना कम खर्चीला है। किंतु दुर्भाग्य से नदियों की हत्या हो रही। यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 9.14 करोड़ बच्चे गम्भीर पानी की कमी से जूझ रहे हैं। दुनिया में 142 करोड़ लोग ऐसी जगहों पर रह रहे हैं जहां पानी की कमी है। दुनियां का हर पांचवा बच्चा पानी की कमी से जूझ रहा है। 37 ऐसे देश हैं जो पानी की कमी का हॉट स्पॉट है। जिसमें भारत भी एक है। नीति आयोग ने चेताया है कि भारत के कई शहरों में 2030 तक पानी खत्म हो जायेगा। 2030 तक 40 प्रतिशत आबादी की पानी से पहुंच खत्म हो जायेगी। ऐसी स्थिति में पानी के प्राकृतिक और पारम्परिक स्रोत को खत्म कर पानी के व्यापार को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नदी 20- 40 फीट गहरी हो गयी है। जिससे बाढ़ के दिनों में भी खेत तक पानी नहीं पहुंच पाता है। वैसे बाढ़ आती ही नहीं है। जय करण सत्यार्थी ने कहा कि घाट, बाट, मिट्टी, गिट्टी, बालू सब कुछ समुदाय के अधीन होना चाहिये। यानि ग्राम सभा के अधीन। गेरुआ या अन्य नदियों को बाहरी लोगों ने हमारी कीमत पर लूटा है। मुनाफे के लिये हमसे हमारी नदी छीन लिया। पीने का पानी और सिंचाई का पानी छीन लिया। कृष्णानंद सागर ने कहा कि बिहार में जल जीवन हरियाली के तहत बेतरतीब तरीके से तालाब का पुनरुद्धार किया जा रहा है। तालाब में पानी आने जाने के रास्तों (डांड़) को अतिक्रमण मुक्त किये बिना या चालू किये बिना तालाब सिर्फ एक गड्ढा है। हिन्दुस्थान समाचार/बिजय

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