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मिथिला पेंटिंग को भोजपुरी चित्रकला के नाम से दुष्प्रचारित किए जाने पर विद्यापति सेवा संस्थान ने दर्ज की नाराजगी

दरभंगा, 12 मई (हि.स.)। मिथिला का धरोहर चित्रकला मिथिला पेंटिंग को कुछ लोगों द्वारा भोजपुरी चित्रकला के नाम से सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर दुष्प्रचारित किए जाने को लेकर विद्यापति सेवा संस्थान ने गहरी आपत्ति दर्ज करते हुए प्रदेश के कला एवं संस्कृति मंत्री से इस मामले में त्वरित हस्तक्षेप करने की मांग की है। बुधवार को ईमेल के माध्यम से प्रदेश के कला एवं संस्कृति मंत्री आलोक रंजन झा को भेजे शिकायती पत्र में विद्यापति सेवा संस्थान की ओर से महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि इतिहास गवाह है कि मिथिला चित्रकला की उत्पत्ति रामायण युग में हुई थी। जब सीता के विवाह के अवसर पर उनके पिता जनक ने इस अनूठी कला से पूरे राज्य को सजाने के लिए बड़ी संख्या में कलाकारों को जुटाया था। तब से यह धरोहर कला ना सिर्फ अपनी विशिष्टता कायम किए हुए है, बल्कि इसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करने में सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि मिथिला क्षेत्र के विशिष्ट कला के रूप में इसकी प्रमाणिकता इस बात से साबित होती है कि इस कला क्षेत्र से मिथिला के अब तक सात महिला कलाकारों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। पत्र में उन्होंने कहा है कि कुछ ब्लॉगर्स एवं तथाकथित पर्यटन कंपनियों द्वारा व्यावसायिक लाभ के लिए बिहार पर्यटन विभाग के लोगो का गलत इस्तेमाल कर मिथिला की इस धरोहर कला के स्वर्णिम इतिहास के साथ छेड़छाड़ किया जाना न सिर्फ आपत्तिजनक है बल्कि यह संगीन जुर्म की श्रेणी में भी आता है। उन्होंने मिथिला पेंटिंग को भोजपुरी पेंटिंग बताकर राजा अशोक के शासनकाल के दौरान सामने आई कला के रूप में प्रचारित किए जाने को आपत्तिजनक बताते हुए मंत्री से इस मामले में त्वरित संज्ञान लेते हुए दोषी व्यक्तियों एवं संस्थाओं के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की अपील की है। इस मामले पर मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा, वरिष्ठ साहित्यकार मणिकांत झा, डाॅ बुचरू पासवान, प्रो जीवकांत मिश्र, डॉ महेंद्र नारायण राम, प्रवीण कुमार झा, प्रो विजयकांत झा, विनोद कुमार झा, डॉ गणेश कांत झा, आशीष चौधरी, नवल किशोर झा, डॉ सुषमा झा, रामसेवक ठाकुर, दिनेश झा, हरिश्चन्द्र हरित, हरिकिशोर चौधरी, चंदन सिंह, चौधरी फूल कुमार राय आदि ने भी गहरी नाराजगी जताते हुए इसे संगीन अपराध बताया है। हि हिन्दुस्थानमाचार/मनोज

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