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विद्यापति सेवा संस्थान ने प्रकट की शोक संवेदना

दरभंगा, 21 अप्रैल (हि.स.)। मिथिला के पुरातत्व जगत की नामचीन हस्ती, बिहार पुरातत्व विभाग के पूर्व निदेशक मोहन चौधरी, पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता एवं प्रसिद्ध रंगकर्मी कुमार गगन सहित मैथिली पद्य साहित्य के नवोदित हस्ताक्षर एवं डखराम मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक शत्रुघ्न पासवान सहयात्री के असामयिक निधन पर विद्यापति सेवा संस्थान ने बुधवार को शोक जताया। संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कोरोना से कालकलवित हुए इन लोगों के निधन को मिथिला एवं मैथिली जगत के लिए अपूर्णीय क्षति बताते हुए कहा कि अपने कृतित्व एवं व्यक्तित्व के लिए ये तीनों हमेशा जीवंत बने रहेंगे। अपने संदेश में उन्होंने लोगों से कोरोना के इस जानलेवा लहर में स्वयं को सुरक्षित रखने की अपील की। मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा ने दिवंगत आत्माओं को पुरातात्विक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक सरोकारों से जुड़ी महान हस्ती बताते हुए कहा कि इन सभी के निधन से अपने अनुभवों से मिथिला के सर्वांगीण विकास की योजनाओं में जान फूंकने वाले मिथिला व मैथिली के हितचिंतक हमसे जुदा हो गये। वरिष्ठ कवि मणिकांत झा ने दिवंगत पुणायात्माओं को मानवता का पुजारी बताते कहा कि मिथिला के पुरातत्व, रंगमंच और मैथिली साहित्य जगत में अपने योगदानों के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे। शोक प्रकट करने वाले अन्य लोगों में मणिकांत झा, जीवकांत मिश्र, प्रवीण, हरिश्चन्द्र हरित, डॉ गणेश कांत झा, प्रो विजय कांत झा, प्रो चंद्रशेखर झा बूढ़ा भाई, विनोद कुमार झा, दुर्गानंद झा, वैद्य गणपति झा, चन्द्रमोहन झा पड़वा, आशीष चौधरी, जयनारायण साह, डॉ उदय कांत मिश्र, चंदन सिंह, मेघानंद झा, राजाराम पासवान आदि प्रमुख हैं। हिन्दुस्थान समाचार/मनोज

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