Vehicle pollution investigation center will be prepaid from January 1
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1 जनवरी से प्रीपेड होंगे वाहन प्रदूषण जांच केंद्र

परिवहन विभाग मोबाइल फोन की तरह वाहन प्रदूषण जांच में अपनाएगा प्रीपेड मोड्यूल परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने दी जानकारी पटना, 29 दिसम्बर (हि.स.) । अब मोबाइल की तरह वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों को भी प्रीपेड रिचार्ज किया जा सकेगा। इसके लिए परिवहन विभाग ने एनआइसी की मदद से प्रीपेड मॉड्यूल विकसित किया है, जिसके तहत कोई भी लाइसेंसधारी वाहन प्रदूषण जांच केंद्र संचालक एडवांस में रिचार्ज करा कर ऑनलाइन वाहन प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट जारी कर सकता है। जांच के बाद सर्टिफिकेट जारी करते ही केंद्र संचालक के खाते से सरकारी राजस्व का पैसा कट जाएगा और सीधे सरकार के खाते में चला जायेगा। राज्य के परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि आगामी 1 जनवरी से राज्य में संचालित एवं नए खुलने वाले वाहन प्रदूषण जांच केंद्र प्रीपेड मॉड्यूल पर ही काम करेंगे। इस नई व्यवस्था को सुनिश्चित कराने के लिए सभी जिला परिवहन पदाधिकारियों को निर्देश दे दिया गया है। सभी वाहन प्रदूषण जांच केंद्र इस साल 31 दिसंबर तक इस मॉडल के तहत रिचार्ज अग्रिम में करवा सकेंगे, जो अगले साल 1 जनवरी तक एक्टिव होगा। इस साल 31 दिसंबर तक प्रदूषण प्रमाण पत्र पुरानी व्यवस्था के तहत निर्गत होंगे। 1 जनवरी, 2021 के पूर्व प्रीपेड मॉडल लागू नहीं करने वाले वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों के विरुद्ध नियमों के आलोक में संबंधित जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा कार्रवाई की जाएगी। परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि राज्य में वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों की संख्या 1000 से अधिक है। उक्त सभी वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों से प्रदूषण प्रमाण पत्र निर्गत करने के विरुद्ध सरकारी राजस्व का वाहनवार विवरण प्राप्त नहीं हो पा रहा है। इस उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है कि अगले साल 1 जनवरी से राज्य में संचालित एवं इसके पश्चात स्थापित किए जाने वाले सभी वाहन प्रदूषण जांच केंद्र को विकसित प्रीपेड मॉड्यूल पर किया जाए। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव रंजन/चंदा-hindusthansamachar.in

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