the-rebels-who-defeated-the-election-in-bhojpur-are-being-honored-in-the-bjp-due-to-which-the-bjp-lost-the-seats-they-are-getting
the-rebels-who-defeated-the-election-in-bhojpur-are-being-honored-in-the-bjp-due-to-which-the-bjp-lost-the-seats-they-are-getting

भोजपुर में चुनाव हराने वाले बागियों को भाजपा में किया जा रहा सम्मानित,जिनकी वजह से भाजपा ने गंवाई सीटें उन्हें मिल रहा सम्मान

आरा,15 मार्च(हि. स)। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में भारतीय जनता पार्टी से टिकट नही मिलने से नाराज होकर विद्रोही तेवर अपनाने और निर्दलीय या लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर भाजपा उम्मीदवारों को हराने वाले नेताओं को पार्टी ने छः साल के लिए निष्कासित किया है किंतु निष्कासन की निर्धारित समय सीमा पूरी हुए बिना और निष्कासन से मुक्त किये बिना भारतीय जनता पार्टी में ऐसे विरोधी नेताओ को सम्मानित किए जाने से पार्टी की नीतियों और साख पर सवाल उठने लगे हैं। भोजपुर जिले के शाहपुर विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व विधायक श्रीमती मुन्नी देवी को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा और उनकी जीत के लिए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने पूरी ताकत झोंक दी। जैसे ही श्रीमती मुन्नी देवी को भाजपा ने टिकट दिया वैसे ही भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष स्व. विशेश्वर ओझा के पुत्र राकेश विशेश्वर ओझा ने विद्रोही तेवर अपना लिया और अपनी मां और स्व. ओझा की पत्नी शोभा देवी को चुनाव लड़ाने का एलान कर दिया।राकेश के इस निर्णय का पार्टी ने विरोध किया और उनको मनाने के लिए एड़ी चोटी एक दी। पार्टी की लाख कोशिशों के बावजूद राकेश नही माने और उन्होंने अपनी मां को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन करा दिया। राकेश के इस फैसले से शाहपुर के मतदाताओं में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई।भाजपा और एनडीए के वोट बंटने लगे और इसका सीधा लाभ राजद के उम्मीदवार को मिलता दिखाई देने लगा। राकेश के चाचा और भाजपा के वरिष्ठ नेता मुक्तेश्वर ओझा ने भी राकेश को विरोधियों के बहकावे में नही आने और अगला चुनाव उन्ही को लड़ाने का वचन दिए जाने के बाद भी राकेश नही माने और विरोधियों के हाथों की कठपुतली बन राजनीति के खेल को बिगाड़ने में जुटे रहे। भाजपा ने राकेश की इन गतिविधियों को पार्टी विरोधी गतिविधियां मानी और उन्हें छः साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने का औपचारिक एलान कर दिया। अब जबकि बिहार विधान सभा के चुनाव के खत्म हुए महज कुछ ही महीने बीते हैं कि बिहार भाजपा के बड़े नेताओं द्वारा पार्टी से निष्काषित नेता राकेश को प्रश्रय देने और सम्मानित करने में जुट गए हैं। राकेश जिनकी वजह से भाजपा ने अपना एक महत्वपूर्ण सीट खो दिया और जिनकी वजह से भाजपा की लोकप्रिय उम्मीदवार और पूर्व विधायक श्रीमती मुन्नी देवी चुनाव हार गई उन्हें भारतीय जनता पार्टी के बड़े बड़े नेताओं द्वारा प्रश्रय देना,सम्मानित करना और पार्टी विरोधियों को उनका हौसला अफजाई करना आने वाले दिनों में भाजपा की विश्वसनीयता और साख को कमजोर कर सकता है। चुनाव में भाजपा उम्मीदवार का विरोध कर उम्मीदवार देने और पार्टी उम्मीदवार को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले राकेश का भाजपा के बड़े नेताओं के यहां आने जाने का सिलसिला जारी है कि इसी बीच अब एकबार फिर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने राकेश को सार्वजनिक मंच से एक कार्यक्रम में सम्मानित करके बिहार की राजनीति में खलबली मचा दी है। भाजपा के स्थानीय नेता भी स्वास्थ्य मंत्री के इस कदम का दबी जुबान से विरोध करने लगे हैं।भाजपा नेताओं ने कहा है कि जिस राकेश के कारण हमने पार्टी की एक सीट खो दी उन्हें सम्मानित करने से आगे आने वाले दिनों में भाजपा के उम्मीदवारों को पराजित करने के लिए पार्टी के भीतर के नेताओ को बल मिलेगा और विरोधियों के कारण पार्टी की सीटें हराने की परंपरा की नई शुरुआत होगी। पार्टी विरोध को लेकर शीर्ष नेतृत्व की निष्कासन सम्बन्धी कार्रवाई भी विरोधी नेताओ के भीतर हलचल पैदा नही करेगी और विरोधी नेताओ के हौसले बुलंद होते जाएंगे। इस तरह के मामलो को प्रश्रय देने से भाजपा के वफादार नेताओ और कार्यकर्ताओं के बीच घोर निराशा का माहौल बनाएगा और कार्यकर्ताओं का उत्साह और उमंग कमजोर पड़ जायेगा।ऐसा हुआ तो भाजपा के लिए किसी भी स्तर पर यह शुभ नही होगा और इससे पार्टी पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। भाजपा से बगावत करके लोजपा के टिकट पर संदेश विधानसभा से चुनाव लड़ने वाली श्वेता सिंह ने भी एनडीए उम्मीदवार और पूर्व विधायक विजेंद्र यादव को हरा दिया था।श्वेता सिंह की वजह से राजद की संदेश में जीत हुई थी। अब भाजपा की बागी और पार्टी से छः साल के लिए निष्कासित श्वेता भी भाजपा के वरिष्ठ प्रदेश नेताओ से मिल जुल रही हैं और प्रदेश भाजपा के बड़े नेता उनसे यह पूछने की हिम्मत नही जुटा पा रहे कि आपने टिकट नही मिलने पर भाजपा से बगावत क्यो किया। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in