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कला संस्कृति मंत्री ने दो दिवसीय विम्ब महोत्सव का किया उद्घाटन

सहरसा,28 फरवरी(हि.स.)। कला संस्कृति एवं युवा विभाग के सहयोग से बटोही संस्था की ओर से आदिवासी जनजाति कलारूपो पर आधारित आदि विम्ब महोत्सव का उद्घाटन कला संस्कृति मंत्री डॉ आलोक रंजन ने रविवार को दीप प्रज्वलित कर किया । मत्स्यगंधा के उत्तरी भाग मे स्थित कला ग्राम में रविवार को कार्यक्रम में संस्था की ओर से मंत्री डॉ आलोक रंजन को आदिवासी पारम्परिक परिधान से सम्मानित किया गया ।इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक एवं परिकल्पक डॉ ओमप्रकाश भारती ने प्रयागराज से आये विशिष्ट अतिथि अतुल द्विवेदी, छत्तीसगढ से आये सोमनाथ यादव को आदिवासी मित्र, झारखंड से आये जीतराम हंसदा, छोटन उराँव को कला रत्न , गवालपाडा के विनोद बेसरा को कला प्रतिभा एवं असम के हेमंत राभा को कला रत्न पुरुस्कार से सम्मानित किया । कला संस्कृति मंत्री डॉ रंजन ने संबोधित करते हुए कहा कि अपनी भारतीय सभ्यता और संस्कृति को आदिवासी वनवासी बंधू ने अक्षुण्ण रखा है। मै इनकी कला को देख कर मंत्रमुग्ध हूँ। कला संस्कृति मंत्री होने के नाते मेरा दायित्व और कर्तव्य बनता है कि क्षेत्रीय संस्कृति के संरक्षण व संबर्धन के लिए काम करुंगा।उन्होने बटोही संस्था की ओर से आदिवासी जनजाति के लिए जो प्रयास किये जा रहे हैं वह सराहनीय है। कार्यक्रम के संयोजक डाॅ भारती ने कहा कि झारखंड के बंटबारे के बाद शेष बचे बिहार के आदिवासी जनजाति की कोई सुधि नहीं ली गई लेकिन हमने इस क्षेत्र में सर्वेक्षण किया।गाँव गाँव जाकर उन लोगों तथा जनजाति नेता से बात कर काम कर रहा हूँ।उन्होने कहा कि झारखंड में आदिवासियो की 28 जनजाति है। जबकि बिहार में 32 जनजाति है। जिसकी जनसंख्या लगभग एक लाख पचास हजार है।विम्ब महोत्सव के माध्यम से उनके सांस्कृति को उजागर किया जा रहा है।उन्होने कहा कि इस कार्यक्रम में बिहार, आसाम, झारखंड, छत्तीसगढ के कलाकारो ने अपनी बेहतर प्रस्तुति की। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा

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