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वन्य जीवो के संरक्ष्ण के लिए शुरू हुआ तपोभूमि अभियान,परिंदों का आशियाना भी होगा संरक्षित:डीएम

बक्सर 12 अप्रैल (हि.स.)।जिलाधिकारी अमन समीर ने बक्सर समाहरणालय में लगे बागवानी में पक्षियों के लिए कृत्रिम घोषला लगा कर सोमवार को तपोभूमि अभियान की शुरुआत की। अभियान की शुरुआत करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि तेजी से हो रही वनों की कटाई और आधुनिक जीवन शैली से परिंदों के आस्तित्व पर आये संकट को महसूस किया जा सकता है।परिंदों की कई प्रजातिया संरक्षण के अभाव में विलुप्त हो रहे है या इसके कागार पर है। जिलाधिकारी ने कहा कि गौरैया परिवार की कुछ नस्ले समेत कागा और भी परिंदों की प्रजातियों का आस्तित्व संकट ग्रस्त है।तपोभूमि अभियान ऐसे ही परिंदों के संरक्षण के लिए जिला मुख्यालय में जन सहयोग से चलाया जाएगा ।अगर हमे कामयाबी मिलती है तो इस अभियान को पूरे जिले में भी चलाया जाएगा।वन विभाग से भी आग्रह किया गया है कि वे इस अभियान से स्व-इच्छा से जुड़े। तपोभूमि अभियान को लेकर जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में पक्षियों और वन्य जीवो पर काम कर रहे लोगो को इस अभियान के लिए निजी स्तर पर प्रोत्साहित किया जा रहा है।इस बाबत औद्योगिक थाना के अहिरौली गांव निवासी हरिओम चौबे के नेतृत्व में वन्यजीव प्रेमियों के साथ जिलाधिकारी ने एक बैठक भी की।बैठक के दौरान परिंदों को संरक्षित करने के लिए जिला मुख्यालय में पेड़ो की ऊंची शाखा,नगर के पार्क में पानी टंकी,समुदायिक भवन ,सरकारी भवन समेत विद्यालयों के छतो पर दस से पन्द्रह फीट की उंचाई पर प्लास्टिक से बने कृत्रिम घोषला का निर्माण कर इन जगहों पर जन सहयोग से परिंदों के लिए दाना और पानी का भी इंतजाम सुनिश्चित किया जाएगा। जिले में कार्यरत स्नेक सेवरों को लेकर जिलाधिकारी ने कहा की गंगा के तटीय और कैमूर की तराई ईलाके से लगने के कारण सापों की अनेक प्रजातिया जिले में पाई जाती है,जिनको बचाना प्राकृतिक हित में है।इस दिशा में स्नेक सेवरों का कार्य सराहनीय है।इन स्नेक सेवरो द्वारा बताई गई समस्या को लेकर प्रशासन द्वारा इन्हें एक अलग पहचान पत्र निर्गत करने का भरोषा दिया गया। हिन्दुस्थान समाचार /अजय मिश्रा

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