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मानव व्यापार और बाल श्रम पर नुक्कड़ नाटक

गया, 28 फरवरी (हि.स.)| एक किरण आरोह संस्था की ओर से गाँव बैजूबिगहा, महादलित टोला दोमुहान,बोधगया में गठित संस्था किशोर एवं किशोरी समूहों के द्वारा तैयार किया गया, मानव व्यापार एवं बालश्रम पर आधारित नुक्कड नाटक माई गे माई, अब ना जाई परदेस का आयोजन किया गया। नाटक के प्रसारण का मुख्य उद्देश्य ग्रामिणों के बीच मानव व्यापार एवं बालश्रम पर जागरूकता फैलाना है क्योंकि संस्था द्वारा विगत 8 वषो॔ं से निरन्तर तत्पूरतापूव॔क मानव व्यापार एवं बालश्रम पर काय॔ करने के दौरान ये अनुभव किया है कि जागरूकता एवं जीवकोपाज॔न से जुड़ी जरूरतों के पूरी न होने के अभाव ज्यादातर गाँवों से महादलित के बच्चे बालश्रम अथवा मानव व्यापार का शिकार हो जाते हैं। संस्था के प्रखंड समन्वयक, मनोज कुमार ने वहाँ उपस्थित ग्रामीण बच्चों को नाटक के जरिये मानव व्यापार एवं बालश्रम से जुड़े तथ्यों को बताया एवं यह भी जानकारी दी कि गया जिले से लगातार मानव व्यापार के तस्करों द्वारा, 6-14 वष॔ के बच्चों को बालश्रम के लिए हिमाचल प्रदेश, कश्मीर, कुल्लू मनाली, भूटान एवं जयपुर के चूड़ी कारखाने में श्रम के लिए मानवव्यापार का शिकार कर कुछ पैसो का लोभ देकर ले जाया जाता है।चंद पैसो के लालच में इन बच्चों का बचपन इनसे छिन लिया जाता है एवं इन बच्चों को बहुत सारी कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ता है जो कि इस समाज के लिए अत्यंत दुखदायी है, बच्चों को शिक्षा का अधिकार है।इसलिए उन्हें जोख़िम भरे कायो॔ में न लगाकर उन्हें बचपन को जीने तथा शिक्षित होने दें क्योंकि बच्चे ही हमारे देश का भविष्य हैं इसलिए बच्चों को शिक्षित एवं सुरक्षित रखना हमारी एवं हमारे समाज की जिम्मेदारी है। हिन्दुस्थान समाचार/पंकज /चंदा

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