रक्षाबंधन के दिन बन रहा है सर्वार्थसिद्धि और  आयुष्मान दीर्घायु योग
रक्षाबंधन के दिन बन रहा है सर्वार्थसिद्धि और आयुष्मान दीर्घायु योग

रक्षाबंधन के दिन बन रहा है सर्वार्थसिद्धि और आयुष्मान दीर्घायु योग

बेगूसराय, 02 अगस्त (हि.स.)। भाई -बहन के असीम प्यार का पर्व रक्षाबंधन तीन अगस्त (सोमवार) को मनाया जाएगा। लंबे समय के बाद इस साल रक्षाबंधन के दिन सावन की अंतिम सोमवारी भी है तथा सर्वार्थसिद्धि और आयुष्मान दीर्घायु योग बन रहे हैं। लेकिन कोरोना ने इस बार रक्षाबंधन पर भी ग्रहण लगा दिया है। बाजार में बड़ी संख्या में लाई गईंं राखियां बेकार हो गयी हैं।पिछले साल के मुकाबले इस साल 20 प्रतिशत भी राखियों की बिक्री नहीं हुई। जिसके कारण बाजार में लाखों की क्षति हुई है। हालांकि रक्षाबंधन के दिन भी बिक्री की आस लगाए दुकानदार ग्राहकों की बाट जोह रहे हैं। कचहरी रोड के राखी विक्रेता विनोद कुमार गुप्ता ने बताया कि कोरोना के कारण सुरक्षा के दृष्टिकोण से इस बार पैकेेेेटेड राखियां ही बाजार में आयी हैं। लेकिन ग्राहक गायब हैंं जिसके कारण भारी क्षति हुई है। इधर अधिकांश बहनों ने राखी से कोरोना का इंफेक्शन फैलने के डर से अपनेे भाइयों की कलाई पर कच्चा धागा बांध कर राखी का फर्ज मनाने की तैयारी की है। मिठाई दुकानों में भी भीड़ कम है, लॉकडाउन में घर बैठी बहनें अपने घरों में मिठाई तैयार कर चुकी हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि कोरोना काल में रक्षाबंधन के दिन सर्वार्थसिद्धि और आयुष्मान दीर्घायु का योग बन रहा है। पिछले 29 वर्षों के बाद यह योग बन रहा है। इसी दिन शिव भक्ति के पावन माह सावन की अंतिम सोमवारी भी है। पंडित आशुतोष झा ने बताया कि राखी बांधने के समय भद्रा नहीं होनी चाहिए। तीन अगस्त को भद्रा काल सुबह 9:29 बजे तक है। सुबह 9:30 से शाम 4:35 तक बहुत ही शुभ समय है। इसके बाद फिर रात 7:30 बजे से लेकर 9:30 बजे तक राखी बांधने का बहुत ही अच्छा मुहूर्त है। रक्षाबंधन के दिन अच्छे ग्रह नक्षत्रों का महासंयोग बन रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है तथा इस संयोग में सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। इसके अलावा इस दिन आयुष्मान दीर्घायु का शुभ योग तथा चंद्रमा का श्रवण नक्षत्र है। मकर राशि का स्वामी शनि और सूर्य दोनों आयु को मिलकर बढ़ाते हैं । ऐसा संयोग दो दशक से अधिक समय के बाद बन रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/विभाकर-hindusthansamachar.in

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