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हायाघाट एवं सदर प्रखण्ड के सेविकाओं के टीकाकरण का प्रतिशत् 20

दरभंगा, 03 फरवरी (हि.स.)। जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम. की अध्यक्षता में बुधवार को उनके कार्यालय प्रकोष्ठ में समेकित बाल विकास परियोजना, दरभंगा अन्तर्गत चल रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। बैठक में दरभंगा की सेविका/सहायिकाओं के टीकाकरण की प्रगति की समीक्षा की गयी और पाया गया कि हायाघाट एवं सदर प्रखण्ड के सेविकाओं के टीकाकरण का प्रतिशत 20 है। जिलाधिकारी ने दरभंगा के सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को इच्छूक सेविका/सहायिकाओं का टीकाकरण शीघ्र करा देने का निर्देश दिया।उन्होंने कहा कि एक बार इन्कार करने के उपरांत पुनः दुबारा उन सेविका/सहायिकाओं का टीकाकरण नहीं हो पायेगा। समीक्षा में अलीनगर, बहादुरपुर, बहेड़ी एवं घनश्यामपुर प्रखण्ड में सेविका/सहायिकाओं का टीकाकरण का प्रतिशत् 50 से भी कम पाया गया है। बैठक में सेविका/सहायिकाओं के चयन की स्थिति की समीक्षा के दौरान प्रभारी जिला प्रोग्राम पदाधिकारी टोनी कुमारी ने बताया कि 05 वें चरण में 200 सेविका/सहायिकाओं का चयन करना था, उनमें से भी कई पदों पर चयन नहीं हो पाया था, जिन्हें शामिल करते हुए छठे चरण में शेष सभी रिक्त पदों पर सेविका/सहायिकाओं का चयन फरवरी माह में करने का निदेश विभाग द्वारा दिया गया है। समीक्षा के दौरान बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, मनीगाछी ने बताया कि उनके प्रखण्ड में वर्ष 2019 के दौरान 02 सेविकाओं का चयन गलत तरीके से संबंधित महिला पर्यवेक्षिका द्वारा किया गया है। जिलाधिकारी ने संबंधित महिला पर्यवेक्षिका को 02 दिनों के अंदर अपना स्पष्टीकरण उपलब्ध कराने का आदेश निर्गत करने का निर्देश दिया और कहा कि संबंधित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी भी अपना प्रतिवेदन उपलब्ध करा दें। यदि संबंधित पर्यवेक्षिका के विरुद्ध दोष सिद्ध होता है, तो उसे चयन मुक्त करने का प्रस्ताव दिया जाये। जिलाधिकारी ने सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को सेविका/सहायिकाओं का चयन विहित प्रक्रिया के अनुसार निर्धारित समय-सीमा में करा लेने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यदि चयन के लिएआयोजित आम सभा के दौरान यदि किसी दूसरे गुट द्वारा जानबुझ कर व्यवधान उत्पन्न करने के उद्देश्य से हंगामा कराया जाता है, तो संबंधित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी द्वारा उसके विरूद्ध सरकारी कार्य में व्यवधान उत्पन्न करने से संबंधित गैर-जमानतीय धारा में प्राथमिकी दर्ज करायी जाए। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना की समीक्षा में पाया गया कि कई प्रखण्डों में आवेदन संकलित करने एवं एम.के.यू.वाई. पोर्टल पर आवेदन अपलोड करने की स्थिति असंतोषजनक है। जिलाधिकारी ने वैसे 02 बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, जिनकी प्रगति सर्वाधिक न्यूनतम है, उनके वेतन स्थगित करने के निर्देश दिये और कहा कि जब वहाँ की स्थिति में सुधार होगा, तो उनका वेतन विमुक्त किया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/मनोज-hindusthansamachar.in

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