People are scared of sudden cold, agriculture department issued advisory
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अचानक बढ़ी ठंड से सहमे लोग, कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी

बेगूसराय, 19 जनवरी (हि.स.)। कश्मीर से बर्फीली और राजस्थान की ओर आ रही शुष्क ठंडी हवाओं से बिहार में ठंड अचानक ही काफी बढ़ गई है। जिसके कारण लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। बेगूसराय का तापमान गिरकर आठ डिग्री तक आ गया है। मध्यम वर्गीय लोग तो किसी तरह गर्म कपड़ों में ठंड से मुकाबला कर रहे हैं, लेकिन गरीबों का जीना मुश्किल होता जा रहा है। घना कोहरा छाए रहने के कारण विजिबिलिटी 10 से 15 मीटर रह गई है और इससे सड़कों पर वाहन धीमी गति से रेंगते आ रहे हैं। यह स्थिति 21 जनवरी तक बने रहने का अनुमान मौसम विभाग द्वारा लगाया गया है। ठंड के मद्देनजर प्रशासनिक स्तर पर अलाव की व्यवस्था की गई है, लेकिन यह काफी नहीं है। कोहरा के कारण आलू एवं सरसों समेत अन्य फसलों को नुकसान होने की संभावना है। जिसके मद्देनजर कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा एडवाइजरी जारी कर किसानों को विशेष सलाह दी गई है। कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि आलू के फसल की नियमित निरीक्षण करें। अभी इस फसल पर झुलसा रोग का अधिक प्रकोप होने की संभावना है। बचाव के लिए रिडोमिल नामक दवा का 1.5 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से घोल बना कर छिड़काव करें। खेतों में नमी को देखते हुए आवश्यकतानुसार सिंचाई करें। टमाटर, मटर एवं मक्का की फसल में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें। सब्जियों में निकाई-गुड़ाई एवं आवश्यकतानुसार सिंचाई करें। सब्जियों की फसल में कीट एवं रोग-व्याधि से बचाव के लिए नियमित रूप से फसल की देख-रेख करें। सरसों की फसल में लाही कीट की नियमित रूप से निगरानी करें, यह सुक्ष्म आकार का कीट पौधों के सभी मुलायम भाग, तने एवं फलीयों का रस चुसते हैं। इस कीट से बचाव के लिए डाईमेथोएट 30 ई.सी. दवा का 1.0 मिली प्रति लीटर पानी की दर से घोल कर छिड़काव करें। सभी खड़ी फसलों में नमी बनाये रखने के लिए खेतों में हल्की सिचाई करें, जिससे कम तापमान का फसलों पर कुप्रभाव से बचाया जा सके। अरहर की फसल में फल मक्खी कीट की निगरानी करें। समय से बोयी गई जो गेहूं की फसल 40 से 50 दिनों की कल्ले निकलने की अवस्था में है, उसमें दूसरी सिंचाई करें। अगात बोई गई गेहूं की फसल जो 80 से 65 दिनों की हो गई है, उसमें तीसरी सिंचाई करें। विलंब से बोयी गई गेहूं की 21 से 25 दिनों की फसल में सिंचाई कर 30 किलो नेत्रजन प्रति हेक्टेयर की दर से उपयोग करें। चना की फसल में सूंडी कीट की निगरानी करें। यह कीट चने की फलियों में छेद करके अंदर प्रवेश करके दानों को खाकर खोखला कर देती है। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र-hindusthansamachar.in

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