गोपालगंज में अभी भी धान खरीदारी की रफ्तार सुस्त, 40 दिन में महज 10 हजार टन की हुई खरीदी
गोपालगंज, 05 जनवरी (हि.स.)।धान की खरीदारी रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है। खरीदारी शुरू हुए 40 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक लक्ष्य के एक चौथाई धान की खरीदारी नहीं हो पाई है। महज 10 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदारी हुई है। जिले को 75 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदारी का लक्ष्य मिला है। सहकारिता विभाग द्वारा 23 नवम्बर से निर्धारित समर्थन मूल्य पर धान की खरीदारी की जा रही है। 31 मार्च तक धान की खरीदारी की जानी है। सहकारिता विभाग ने जिले में 196 पैक्स को धान खरीदने के लिए चिन्हित किया था। जिसमें जिले के बरौली,सिधवलिया और बैकुंठपुर प्रखंड में आई भीषण बाढ़ के कारण धान की फसल खराब हो गई। जहां धान की उपज शून्य रहा। जहां खरीदारी नहीं हो रही है। चयनीत 196 फैक्स में से 128 पैक्स और 5 व्यापार मंडल को ही धान खरीदने का दायित्व मिला है। सरकार द्वारा धान का समर्थन मूल्य 1868 रुपया प्रति क्विंटल निर्धारित है। विभाग ने स्पष्ट आदेश जारी किया है कि निबंधित किसानों से ही धान की खरीदारी की जा सकती है।नए नियम के तहत अब किसानों का कृषि विभाग में पहले से हुए पंजीकरण नंबर से ऑनलाइन आवेदन कर सिर्फ बैंक खाता का नंबर डालना है। ऑनलाइन आवेदन के साथ पुराना बना भू-स्वामित्व पत्र भी संलग्न करना है। किसानों का कहना है कि इसके बाद भी पेच फंसने की आशंका है। एक किसान 10 से 12 क्विटल तक धान पैक्स को बेच सकता है। मगर नियमत: एक एकड़ पर 20 क्विटल धान बेची जा सकती है। फिर भी धान बेचने के लिए अधिकांश किसान नए नियम के आने से उनको राहत मिल रही हैं।सभी किसान सलाहकारों को एवं किसान समन्वयकों को अपने अपने पंचायत में किसान से संपर्क कर अधिक से अधिक धान पैक्स के माध्यम से बेचने के लिए प्रेरित करने का निर्देश दिया है ताकि किसान को समर्थन मूल्य का लाभ मिल सके। साथ ही संपर्क करने के बाद किसान अपना धान किस तिथि को पैक्स को देंगे यह लिखकर पैक्स को देने का निर्देश दिया गया है ताकि पैक्स किसान द्वारा दिये गए तिथि पर उक्त किसान से संपर्क कर उनका धान खरीदना सुनिश्चित कर सकें। सहकारिता पदाधिकारी आर एन पांडेय ने बताया किनिर्धारित समय सीमा के अंदर शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति के लिए विभाग गंभीर है। पैक्सों को टारगेट दिया हुआ है। जो भी पैक्स या व्यापार मंडल इसमें रुचि नहीं लेंगे या शिथिलता बरतेंगे उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। वैसे लक्ष्य इस जिले के लिए अधिक विभाग ने रखा है। जिले के 3 प्रखंड बाढ़ के कारण फसल खराब हो गए। जिसके कारण इन तीन प्रखंडों में धान की खरीदारी नहीं हो रही है। हिन्दुस्थान समातार/अखिला-hindusthansamachar.in