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मेडिकल कॉलेज के लापरवाही से फिर एक की गई जान, तड़पती रही महिला नही किया भर्ती

मधेपुरा, 25 अप्रैल (हि.स.)। जन नायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज के अस्पताल की लापरवाही में कोई सुधार नही होता दिख रहा है। शनिवार को अररिया के अयाज के मौत के बाद भी यहां के कर्मियों में कोई संवेदना नही आई और रविवार को फिर एक महिला शिक्षिका की मौत अस्पताल के कर्मियों के कारण हो गयी। रविवार दिन के 10.30 में अररिया निवासी महिला शिक्षिका मीरा देवी पूर्णिया से रेफर होने के बाद मधेपुरा मेडिकल कॉलेज पहुंची।रेफर मरीज थी तो अस्पताल कर्मियों को तुरंत भर्ती करना था लेकिन कागजी प्रक्रिया के लेट लतीफ के कारण उसे आधा घण्टा उसी प्रक्रिया में लग गया।जब सब कुछ हुआ तो कहा गया पहले इसका कोविड जांच करवाइए फिर भर्ती होगा।कोविड जांच के लिए जब मरीज को ले जाया गया तो कहा गया इसपे डॉक्टर लिखे कहाँ है जो हम कोविड जांच करें।जब तक इतना कुछ हुआ करीब 45 मिनट तक वो स्ट्रेचर पर लेटी रही और उसके परिजन उसे लेकर इधर उधर भागते रहे। जब तक उसके परिजन ने डॉक्टरों से कोविड जांच हेतु लिखवाया तब तक महिला के लिए देर हो चुका था।एक घण्टे बीतने के बाद वो तड़प तड़प कर स्ट्रेचर पर ही दम तोड़ दी।जब वहां मौजूद लोगों ने कहा वो मर गयी शायद तब स्टाफ में थोड़ा हलचल हुआ लेकिन तब तक वो मौत के मुंह मे जा चुकी थी।पूरे एक घंटे तक मेडिकल कॉलेज के अस्पताल परिसर में भटकते रही और मौत के बाद भी भटकते ही रही।शिक्षिका मीरा देवी कुव्यवस्था के शिकार हो गयी ।बड़ा सवाल है कि 1000 करोड़ की लागत से बने इस मेडिकल कॉलेज में लोगों का इलाज क्यो नही हो पा रहा है।चिकित्सक और कर्मी इतना लापरवाह क्यो है ? हिन्दुस्थान समाचार/प्रशांत

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