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आरएसएस के आह्वान पर बड़ी संख्या में लोगों ने सूर्य की ऊर्जा को किया आत्मसात

बेगूसराय, 19 फरवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के आह्वान पर शुक्रवार को माघ सूर्य सप्तमी (सूर्य उत्पत्ति दिवस) के अवसर पर बड़ी संख्या में लोगों ने सूर्य नमस्कार कर प्रकाश से उर्जा देने वाले जागृत देव सूर्य को नमन किया। इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तमाम अनुषंगी इकाइयों द्वारा विभिन्न जगहों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। संघ के सभी शाखा में सूर्य नमस्कार महायज्ञ का आयोजन किया गया। बड़ी संख्या में लोगों ने अपने-अपने घरों में भी सूर्य नमस्कार किया। क्रीड़ा भारती द्वारा जिला मुख्यालय के सर्वोदय नगर स्थित सेंट्रल पब्लिक स्कूल के मैदान में सामूहिक सूर्य नमस्कार महायज्ञ का आयोजन किया गया। ध्यान और प्राणायाम के साथ शुरू हुए कार्यक्रम में लोगों ने योग के 12 चरणों प्रणामासन, हस्तोत्तानासन, हस्तपादासन, अश्व संचलनसाना, दण्डासन, अष्टांग नमस्कार, भुजंगासन, अधोमुखस्वानासन, अश्व संचलनसान, हस्तपादासन, हस्तोत्तानासन एवं ताड़ासन के साथ सूर्य नमस्कार किया। मौके पर योग प्रशिक्षक विभू कुमार एवं संदीप कुमार तथा क्रीड़ा भारती के जिला मंत्री रणधीर कुमार, सीपीएस की व्यवस्थापक मनोज कुमार ने कहा कि योगासनों में सबसे असरकारी और लाभदायक सूर्य नमस्कार है। सूर्य नमस्कार से आंखों की रोशनी, खून का प्रवाह तेज होता है, ब्लड प्रेशर और वजन कम होता है। इसके साथ ही कई अन्य रोगों से छुटकारा मिलता है। सूर्य नमस्कार या सूर्य अभिवादन 12 शक्तिशाली योग आसन का एक अनुक्रम है। एक कसरत होने के अलावा, सूर्य नमस्कार को शरीर और दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए भी जाना जाता है। मानव सभ्यता के विकास काल से सूर्य की आराधना होते आ रहा है। सूर्य शक्ति समाहित करने के लिए सूर्य नमस्कार किया जाता है। फिट इंडिया मूवमेंट के तहत योग में सूर्य नमस्कार को प्राथमिकता दी जा रही है। प्रत्येक वर्ष माघ सूर्य सप्तमी को क्रीड़ा भारती देश भर में अपने संगठन के माध्यम से सामूहिक सूर्य नमस्कार का कार्यक्रम आयोजित कर रही है। जिसके माध्यम से सूर्य नमस्कार की विधि एवं इससे होनेवाले स्वास्थ लाभों से अवगत करवाने का कार्य कर रही है। सूर्य नमस्कार अकेला एक ऐसा योग आसन है जिसके अंतर्गत कई योग आसन शामिल हैं। सम्पूर्ण जीवन का सार क्रीड़ा में छुपा रहता है। खेल समरसता सिखाता है, प्रतियोगिता की भावना विकसित करता है। रोज समय निकाल कर खेलें तो शारिरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास होगा। जिसमें क्रीड़ा भारती तन-मन से जुटा हुआ है। मौके पर भारतीय शिक्षण मंडल के विस्तारक श्रवण कुमार, सुरेन्द्र किशोरी, रौशन कुमार, अमित, श्रवण, मणिकांत, शिवम भारद्वाज, सृष्टि, पुलकित गौतम, कन्हैया, चंदन एवं विकास समेत बड़ी संख्या में खेल से जुड़े लोग तथा बच्चों ने भागीदारी दी। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र-hindusthansamachar.in

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