अल्पसंख्यकों के उज्जवल भविष्य के लिए संकल्पित हैं नीतीशः आरसीपी सिंह
अल्पसंख्यकों के उज्जवल भविष्य के लिए संकल्पित हैं नीतीशः आरसीपी सिंह

अल्पसंख्यकों के उज्जवल भविष्य के लिए संकल्पित हैं नीतीशः आरसीपी सिंह

जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के साथ सांसद आरसीपी सिंह ने किया वर्चुअल संवाद अल्पसंख्यक समाज के विकास के बिना बिहार का विकास संभव नहीं पति-पत्नी की सरकार में अल्पसंख्यकों के लिए मात्र 3.45 करोड़ का बजट था, अब 532 करोड़ से अधिक पटना, 14 जुलाई (हि.स.)। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) व राज्यसभा में दल के नेता आरसीपी सिंह ने मंगलवार को जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के साथ वर्चुअल संवाद किया। इस मौके पर आरसीपी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अल्पसंख्यक समाज के उज्ज्वल भविष्य के लिए संकल्पित हैं। विपक्षी दल के डराने और उनके बहकाने में नहीं आएं। कोरोना संकट को देखते हुए सावधानी बरतें और बूथ पर जाकर लोगों से मिलें। यह सुनिश्चित करें कि 2020 में हम पहले से भी ज्यादा सीटों पर जीत कर आएं। उन्होंने प्रकोष्ठ के सभी साथियों का आह्वान किया कि 9 अगस्त के दिन कम-से-कम दो पेड़ जरूर लगाएं और 7 अगस्त को होने वाली मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की वर्चुअल रैली से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ें। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान अनेकता में एकता का मुल्क है। आपसी मिल्लत और सामाजिक सद्भाव इसकी पहचान और ताकत है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हमेशा सामाजिक सद्भाव को सबसे ऊपर रखा है। उन्होंने कभी धर्म, सम्प्रदाय, जाति या लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं किया। उनका स्पष्ट मानना रहा है कि अल्पसंख्यक समाज के विकास के बिना बिहार का विकास संभव नहीं। समाज की खुशहाली नेतृत्व का दायित्व है और उनके हर काम में इसकी स्पष्ट झलक देखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि बिहार में अल्पसंख्यकों की आबादी 17% है, लेकिन कहते हुए शर्म आती है कि पति-पत्नी की सरकार में इतनी बड़ी आबादी के लिए मात्र 3.45 करोड़ का बजट था। आज अल्पसंख्यक कल्याण का वही बजट 532 करोड़ से अधिक का है। सिर्फ उर्दू भाषा के विकास के लिए ही आज 70 करोड़ का बजट है। धर्म और जाति के नाम पर भेदभाव करने वाली एक भी नीति बिहार में नहीं। हर कल्याणकारी योजना पर सबका समान हक है। आरसीपी ने कहा कि हमारा मानव संसाधन ही हमारी ताकत है और उसके लिए तालीम जरूरी है। यही कारण है कि नीतीश कुमार ने तालीम पर सबसे पहले और सबसे ज्यादा जोर दिया। पिछले 15 वर्षों में 10 हजार से ज्यादा तालीमी मरकज की स्थापना हुई। 2005 तक मदरसों की कुल संख्या मात्र 1128 थी, वहीं नीतीश ने एक साथ 2,460 नए मदरसों की स्वीकृति दी। आरसीपी ने कहा कि सरकार ने अल्पसंख्यक समाज के बच्चों के ए ‘हुनर’ कार्यक्रम चलाया जिससे 1.21 लाख से ज्यादा बच्चों को लाभ हुआ। स्वरोजगार के लिए ‘औजार’ कार्यक्रम चलाया गया। प्रोफेशनल कोर्स और स्किल डेवलपमेंट पर खास ध्यान दिया गया। छात्रावास में रहने वाले अल्पसंख्यक समाज के सभी बच्चों को सरकार हर महीने एक हजार रुपए दे रही है और साथ में 15 किलो अनाज भी। बीए पास करने पर बच्चियों को 25 हजार और 12वीं पास करने पर 10 हजार तथा प्रथम श्रेणी में पास करने पर 15 रुपए अतिरिक्त दिए जाते हैं। यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा पास करने पर सरकार एक लाख तथा बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा पास करने पर 50 हजार रुपए दे रही है। आज यहां अरबी-फारसी विश्वविद्यालय है और किशनगंज में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की शाखा खोलने के लिए 224 एकड़ से अधिक जमीन सरकार ने मुफ्त में दी है। पहले मुसलमानों से लाठी में तेल पिलवाया जाता था, नीतीश ने कलम दी: तनवीर इस मौके पर विधान पार्षद व प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष तनवीर अख्तर ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार के मुसलमानों की बेहतरी और तरक्की का सपना देखा है। 15 साल पहले मुसलमान भाइयों से लाठी में तेल पिलवाने का काम कराया जाता था, जबकि श्री नीतीश कुमार ने हमारे हाथों में कलम दी और उसकी स्याही का इंतजाम भी किया। आज मुसलमान बिहार में जितने सुरक्षित हैं, उतने कहीं और नहीं: प्रो. युनूस अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन प्रो. युनूस हकीम ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार मुसलमानों के सच्चे हमदर्द हैं। आज मुसलमान बिहार में जितने सुरक्षित हैं, उतने कहीं और नहीं। हमारे नेता ने कभी क्राइम, करप्शन और कम्यूनलिज्म से समझौता नहीं किया। सही मायने में वे दूसरे महात्मा गांधी हैं। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/विभाकर-hindusthansamachar.in

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