लालू सरकार में पशुपालन मंत्री रहे विधासागर निषाद का निधन
खगड़िया, 14 जुलाई (हि.स.)। लालू यादव के मंत्रिमंडल में पशुपालन मंत्री रहे विद्यासागर निषाद का लगभग 85 वर्ष की उम्र में पटना में इलाज के दौरान मंगलवार की सुबह निधन हो गया। कुछ दिनों से वे नर्सिंग होम में भर्ती थे। उनका अंतिम संस्कार खगड़िया जिले के गोगरी घाट पर गंगा नदी के किनारे किया जाएगा। स्वर्गीय निषाद वर्ष 1990 और 1995 में खगड़िया जिले के परबत्ता विधानसभा क्षेत्र से जनता दल के टिकट पर विधायक चुने गए थे। पहली बार एमएलए बनने पर लालू प्रसाद यादव ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में मत्स्य और पशुपालन मंत्री बनाया था। उनके ही कार्यकाल में देश का बहुचर्चित चारा घोटाला सामने आया था। सीबीआई ने वर्ष 1996 में इस घोटाले को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई थी जिसमें स्वर्गीय निषाद को भी अभियुक्त बनाया गया था। इसी वर्ष जनवरी में स्वर्गीय निषाद ने रांची सीबीआई कोर्ट में डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपए के घोटाले वाले मामले में अपना बयान दर्ज कराया था। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और जगन्नाथ मिश्रा भी स्वर्गीय निषाद के साथ अभियुक्त थे। स्वर्गीय निषाद का जीवन बहुत ही कठिनाइयों में बीता। वह गोगरी में एक बीड़ी फैक्ट्री में काम करते थे। पहली बार विधानसभा चुनाव में टिकट मिलने के बाद 1990 में वह चुनाव जीतकर विधायक बने और लालू प्रसाद यादव ने उन्हेंं मंत्री भी बना दिया। इसके बाद 1995 में उन्हें दोबारा जीत मिली और लालू यादव ने उन्हें दोबारा अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर श्रम और नियोजन विभाग का मंत्री बनाया। इसके बाद उन्हें परबत्ता की बजाय चौथम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने भेजा गया जहां उन्हें जदयू के पन्ना लाल सिंह पटेल से पराजय का मुंह देखना पड़ा। लेकिन लालू प्रसाद यादव ने राज्यसभा भेजकर उन्हें पार्टी से वफादारी का इनाम दिया था। गोगरी को अनुमंडल का दर्जा दिलाने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। हालांकि केडीएस कॉलेज और निबंधन कार्यालय की जमीन को लेकर सामने आए विवाद में इनका नाम लिया गया था। उनके निधन पर सभी राजनीतिक दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वे लोकतांत्रिक व्यवस्था में गरीबों की आवाज बनकर उभरे और अतिपिछड़ों के लिए आजीवन काम करते रहे। हिन्दुस्थान समाचार/ अजिताभ/विभाकर-hindusthansamachar.in