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नकारात्मक सोच इंद्रियों को पाप कर्म को करती प्रवृत्त- विशुद्ध सागर

नवादा, 20 फरवरी (हि.स.)।पदयात्रा करते हुए शनिवार को संघ सहित नवादा पहुंचे प्रसिद्ध दिगम्बर जैन संत अध्यात्मयोगी चर्या शिरोमणि श्रमणाचार्य श्री 108 श्री विशुद्ध सागर महाराज का जैन समाज ने भव्य स्वागत किया। इस दौरान नवादा नगर की सीमा पर ही मस्तानगंज के समीप पूर्व से संघस्थ मौजूदआचार्य के गुरुभाई जिनश्रुत मनीषी श्रमणमुनि श्रीविशल्य सागर महाराज ने स्थानीय जैन समाज के साथ उनकी गर्मजोशी के साथ आगवानी की। मौके पर ही दोनों मुनि संघों में शामिल मुनिजनों का भव्य मंगल मिलन का विहंगम दृश्य को देख सभी श्रद्धालु अभिभूत हो उठे। गाजे-बाजे के साथ ही जैन धर्म के जयघोष के साथ नवादा नगर का परिभ्रमण करते हुए 30 जैन संतों का काफिला नवादा स्थित दिगम्बर जैन मंदिर पहुंचा, जहां श्रद्धालुओं ने सभी मुनिजनों का पद्प्रच्छालन कर उनका मंगल आशीष प्राप्त किया। इस दौरान गुरुजनों के जयघोष से संपूर्ण वातावरण गुंजायमान होने के साथ ही भक्तिमय हो उठा। मौके पर श्रद्धालुओं को आचार्य विशुद्ध सागर महाराज के प्रवचन के श्रवण का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ। अपने संबोधन में आचार्यश्री ने कहा जिस प्रकार एक मिर्च का सेवन करने से नाक व आंख से पानी का स्राव होता है, ठीक उसी प्रकार व्यक्ति का एक अशुद्ध आचरण उसकी समस्त इंद्रियों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि जिस तंत्र को एक्टिव कर व्यक्ति आक्रामक हो जाता है, उसी तंत्र को सकारात्मक रूप से एक्टिव कर व्यक्ति नरम हो सकता है अर्थात जिससे गरम, उसी से नरम। जो मुख चिल्ला सकता है, वही मुख नम्रता को भी प्रदर्शित कर सकता है। उन्होंने जैन दर्शन को विश्व का सबसे प्रामाणिक एवं वैज्ञानिक दर्शन बताते हुए अपने व्यवहारिक जीवन ने नम्रता, सत्य एवं अहिंसा धर्म को आत्मसात करने का आह्वान किया। इस अवसर पर आचार्य श्री विशुद्ध सागर महाराज ने अपने गुरुभाई मुनिश्री विशल्य सागर जी महाराज के संपादन में आचार्य कुंद कुंद स्वामी द्वारा रचित रयण सार ग्रंथ का विमोचन भी किया। कार्यक्रम के समापन के पश्चात सभी गुरुजनों ने श्रद्धालुओं के कर-कमलों से आहार ग्रहण किया। तदोपरांत आचार्यश्री का संघ भगवान महावीर के प्रथम शिष्य श्री गौतम गणधर स्वामी की ज्ञान भूमि जल मंदिर एवं निर्वाण भूमि श्री गोणावां जी दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र के लिए विहार कर गया। गोणावां सिद्ध क्षेत्र पर जैन समाज के लोगों ने संघस्थ सभी मुनिजनों का पदप्रच्छालन कर स्वागत किया। श्रद्धालुओं द्वारा मुनिजनों की आरती एवं मंदिर जी में जिनेंद्र प्रभु के दर्शन के पश्चात जैन संतों का काफिला राजगृह के लिए मंगलविहार कर गया। कार्यक्रम में स्थानीय जैन समाज के दीपक जैन, अभय जैन, अशोक कुमार जैन, भीमराज जैन, सत्येंद्र जैन, उदय जैन, विनोद जैन गर्ग, पदम जैन सोना, संजय जैन, विमल जैन, संदीप जैन, अजीत जैन, शीला जैन, ममता जैन, मिंटू जैन, संतोष जैन आदि के साथ ही सीमावर्ती जिले कोडरमा एवं गया के भी श्रद्धालु भी शामिल थे। हिन्दुस्थान समाचार/डॉ सुमन

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