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मेरी भतीजी की भी गलत थी कोरोना जांच रिपोर्ट : नीतीश

तेजस्वी के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने स्वीकार की स्वास्थ्य विभाग की गलती नेता प्रतिपक्ष ने सदन में उठाया था कोरोना जांच में गड़बड़ी का मामला पटना, 23 फरवरी (हि.स.) । बिहार में इन दिनों कोरोना जांच में हुए घोटाले की चर्चा जोरों पर है। बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इस मामले को सदन में जोरशोर से उठाया। तेजस्वी के उठाए सवालों का जवाब देते समय बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद एक बड़ी बात कह दी। जिससे बिहार में हुई कोरोना की टेस्टिंग संदेह के घेरे में आ गई है। बिहार में जब अचानक से एक दिन में हजारों टेस्टिंग शुरू हो गए थे तब भी विपक्ष ने इसपर सवाल उठाया था कि राज्य में कोरोना की रिपोर्ट सही नहीं आ रही है। कोरोना की रिपोर्ट गलत आ रही है। तब इसे सत्तापक्ष की ओर से सिरे से ख़ारिज कर दिया गया था। अब खुद मुख्यमंत्री ने इस बात को सदन में स्वीकार लिया है। मंगलवार को बजट सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को जवाब देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मेरी भतीजी की जो कोरोना रिपोर्ट थी, वह पॉजिटिव थी। तुरंत उसे पटना एम्स भेजा गया लेकिन महज एक ही दिन बाद उसकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई। रिपोर्ट आई कि मेरी भतीजी पॉजिटिव नहीं है। जांच मैंने खुद देखा। वह पॉजिटिव नहीं थी, जिसके कारण उसे एम्स से लौटा दिया गया। आप (तेजस्वी) सोच लीजिये, हम बता रहे हैं, क्योंकि आपने नाम लिया है। दरअसल, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सदन में कहा था कि यदि सरकार का सिस्टम अच्छा है तो सीएम का परिवार, सुशील कुमार मोदी, ललन सिंह समेत सभी लोग एम्स में क्यों भर्ती हुए इलाज के लिए। बिहार सरकार के अस्पताल में क्यों नहीं गए इलाज के लिए। तेजस्वी के इसी सवाल पर मुख्यमंत्री जवाब दे रहे थे। जब उन्होंने अपनी भतीजी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने की बात की चर्चा की और उस पूरी कहानी को सदन में सबके सामने रखा कि आखिरकार कैसे एक ही रात में उनकी भतीजी कोरोना पॉजिटिव से कोरोना निगेटिव हो गई। मुख्यमंत्री ने आगे यह भी कहा कि कोरोना से पूरा देश प्रभावित है। बिहार भी कोरोना से त्रस्त है। पूरे देश में जितनी जांच हुई है, बिहार में हुई जांच उससे कहीं बहुत ज्यादा है। बिहार की आबादी देश की आबादी का 8.4 प्रतिशत है। देश के औसत से बिहार में 10 प्रतिशत ज्यादा टेस्टिंग हुई है। विपक्ष की ओर से बार-बार कमेटी बनाने की बात हो रही है। बिहार में कोरोना का रिकवरी रेट देश की रिकवरी रेट से ज्यादा है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बिहार में कोरोना से कम मौतें हुई हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि जीरो-जीरो-जीरो लिख दिया जाता है। हर किसी के पास मोबाइल नहीं होता है। इसलिए लिखा गया लेकिन, फिर भी सरकार ने कार्रवाई की है। बिहार सरकार के पास एक-एक दिन का आंकड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बार फिर से कोरोना का आंकड़ा बढ़ने लगा है। पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ी है। तेजस्वी ने सदन में यह मामला भी उठाया कि कोरोना को लेकर विधानसभा की कमिटी बनाई जाए। कोरोना जांच में घोटाला की बात बताते हुए तेजस्वी ने जमुई का मामला भी उठाया। तेजस्वी ने कहा कि सभी ज्ञान सिर्फ सीएम नीतीश कुमार को है। विपक्ष और जनता को क ख ग घ तक का ज्ञान नहीं है। बिहार में पेपर लीक कैसे हुआ, इस पर कार्रवाई नहीं हुई। हमने मामले को सरकार के संज्ञान में लाया। बिहार में 101 प्रतिशत क्राइम रेट बढ़ा है। उन्होंने कहा कि बिहार के लोगो की इम्युनिटी अच्छी है, इसलिए कोरोना का असर कम हुआ है। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव रंजन/चंदा

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