men39s-efforts-in-gender-equality-are-appreciated
men39s-efforts-in-gender-equality-are-appreciated

लैंगिक समानता में पुरुषों के किए जा रहे प्रयास सराहनीय

गया, 13 फरवरी (हि.स.)।हाल के वर्षों में देश में लैंगिक समानता को लेकर सरकार और समाज के बुद्धिजीवियों द्वारा तरह - तरह के अभियान चलाए गए। जिसके काफी उत्साहवर्धक परिणाम देखने को मिला है। लैंगिक समानता के लिए विभिन्न वर्गों के द्वारा किया गया प्रयास सराहनीय है और इसमें विशेष तौर पर पुरुषों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की जानी चाहिए।ये बातें पीयरलेस हॉस्पिटल, कोलकाता कि क्लिनिकल डाइरेक्टर डॉ मधुचन्दा कर ने दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के द्वारा राष्ट्रिय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में शनिवार को कही। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप मे डा. मधुचन्दा कर ने विभिन्न क्षेत्र मे महिलाओं की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि समाज अब लैंगिक समानता की ओर अग्रसर हो रहा है जो एक सुखद अनुभव है। जन संपर्क पदाधिकारी (पीआरओ) मो. मुदस्सीर आलम ने बताया कि ‘भारत कोकिला’ सरोजिनी नायडू के अहम योगदान को याद करते हुए 13 फरवरी को राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया।इस अवसर पर वेबिनार के आयोजन सीयूएसबी के समाजशास्त्रीय अध्ययन विभाग के द्वारा किया गया। पीआरओ ने बताया कि महिला सशक्तीकरण एवं लैंगिक समानता के क्षेत्र में सरोजिनी नायडू के योगदान को इस कार्यक्रम में याद किया गया। पटना विश्वविद्यालय की भूतपूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. सुधा सिन्हा विशिष्ट अतिथि थी।जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता सीयूएसबी के कुलसचिव कर्नल राजीव कुमार सिंह ने किया। महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों को याद करने, इनकी विभिन्न समस्याओं को जानने और इनके भविष्य पर चिंतन करने के लिए आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत विभागाध्यक्ष एवं कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. अनिल कुमार सिंह झा के स्वागत भाषण एवं परिचयात्मक उदबोधन से हुआ। डॉ. झा ने विभिन्न क्षेत्रों में हुए महिलाओं की उपलब्धियों को बताने के साथ ही लैंगिक समानता के लिए अपेक्षित प्रयासों की चर्चा की । प्रो.सुधा सिन्हा ने अपने विशेष व्याख्यान में लैंगिक समस्याओं को समझने के विभिन्न आयामों पर प्रकाश देते हुए सामाजिक - सांस्कृतिक परिवेश को महिलाओं की समस्याओं का प्रमुख कारण बताया । इन्होंने यह भी बताया की पारिवारिक व व्यवसायिक कार्यों के बीच संतुलन सिर्फ एक महिला ही बना सकती है। अपने अध्यक्षीय उदबोधन में कर्नल राजीव कुमार सिंह ने समाजिक मूल्यों में हो रहे ह्रास पर दुःख व्यक्त करते हुए समाज के निर्माण में महिलाओं के महत्वपूर्ण योगदान की चर्चा की तथा बताया की महिला व पुरुष दोनों को अपनी- अपनी सोच बदलना होगा। कार्यक्रम के दौरान समाजशास्त्रीय अध्ययन विभाग के छात्र- छात्राओं द्वारा महिलाओं के सामाजिक समस्याओं पर आधारित विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, जिसमे प्रीति द्वारा तैयार किया हुआ विडियो प्रस्तुति एवं ऋतु, श्वेतांक तथा विजयेता द्वारा कविता पाठ काफी प्रसंशनीय रहा। कार्यक्रम का समापन डॉ. हरेश नारायण पाण्डेय के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। इस अवसर पर विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. जितेंद्र राम, डॉ. पारिजात प्रधान तथा डॉ. प्रिय रंजन के अतिरिक्त बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के अध्यापक,गैर शैक्षणिक कर्मी एवं विद्यार्थी मौजूद थे। हिन्दुस्थान समाचार/पंकज कुमार-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in