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महिषी निवासी शिक्षक संजय सारथी को मिली डाक्टरेट की उपाधि

सहरसा,08 फरवरी(हि.स.)।जिले के महिषी प्रखंड लहुआर- तेलहर निवासी रामानंद सिंह व मीरा देवी के रंगकर्मी सह शिक्षक सुपुत्र संजय कुमार को लोककला व अभिनय को देखते हुए राजस्थान यूनिवर्सिटी द्वारा डाक्टरेट की उपाधि प्रदान किया गया है। राजस्थान के राज्यपाल सह कुलाधिपति एवं उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा रंगकर्मी अभिनेता के सशक्त अभिनय को देखते हुए श्री कुमार को डाक्टरेट की मानक उपाधि प्रदान किया गया।कुमार संजय सारथी के नाम से वर्ष 1987 से कला एवं अभिनय क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं ।सर्वप्रथम उन्होने संजय एवं नीरज झा लिखित मैथिली नाटक बैंजामीन मौलाइस मरैत नय अछि का सफल सफल मंचन किया। जिसका निर्देशन डाॅ राम चैतन्य धीरज ने किया। नाटक की सफलता एवं दर्शको के उत्साहवर्द्धन को देखते हुए एक से बढकर एक नाटक किया।वर्ष 1989 में बी एम साह लिखित त्रिशंकु ,स्वदेश दीपक लिखित मुंगफली का छिलका,सर्वेश्वर दयाल सक्सेना लिखित बकरी, कोर्ट मार्शल, अमली एवं मुर्दा नुक्कड़ नाटक का मंचन किया।इसके बाद संजय सारथी ने फिल्मी दुनिया में पदार्पण कर अपने सफलता के नव कीर्तिमान स्थापित किया जिसके फलस्वरुप हिन्दी, भोजपुरी, नागपुरी एवं मैथिली फिल्मो में अपनी दमदार उपस्थिति दी एवं संघर्षरत हैं। संजय सारथी कुछ दिनों तक पत्रकारिता में भी अपना योगदान दिया। लेकिन शिक्षक बनने के कारण पत्रकारिता को त्याग पुनः कला संस्कृति के प्रति समर्पित हो गए। शिक्षक बनने के बाद स्कूली बच्चो को कलात्मक प्रतिभा के प्रति जागरुक किया और यही कारण रहा कि जन जीवन हरियाली,बाल मेला, 26 जनवरी, 15 अगस्त की झाँकी में भी सर्वश्रेष्ठ योगदान देते रहें हैं ।सारथी के समाज एवं स्कूली बच्चों के प्रतिभा को निखारने के योगदान को देखते हुए मिनिस्ट्री द्वारा इन्हे डाक्टरेट की मानक उपाधि प्रदान प्रदान किया गया है। श्री सारथी को डाक्टरेट की मानक उपाधि मिलने पर जिलेवासियों में हर्ष है। हिन्दुस्थान समाचार/अजय-hindusthansamachar.in

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