Local police will visit their homes every month to know the condition of senior citizens
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वरिष्ठ नागरिकों का हाल जानने प्रत्येक माह उनके घर जाएगी स्थानीय पुलिस

बेगूसराय, 07 जनवरी (हि.स.)। माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम को प्रभावी तरीके क्रियान्वित कर वरिष्ठ नागरिकों के संबंध में अन्य कृत्यों का अनुपालन सुनिश्चित करने को लेकर प्रशासन एक्टिव मोड में है। इसके लिए बिहार माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण नियमावली के तहत गठित वरिष्ठ नागरिकों के जिला समिति की बैठक डीएम अरविन्द कुमार वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। डीएम ने बैठक में उपस्थित पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) को अधिनियम के प्रावधानों के तहत जिले के सभी थानों के द्वारा क्षेत्राधिकार के अंदर रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों की सूची तैयार कर ऐसे वरिष्ठ नागरिकों के घर कम-से-कम माह में एक बार विजीट सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। साथ ही पुलिस स्टेशन द्वारा ऐसे पंजी को संधारित करवाने का निर्देश दिया गया, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों के विरूद्ध किए गए अपराधों को दर्ज किया जाए तथा प्रति माह ऐसे अपराधों की रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक के समक्ष रखा जाए, ताकि मामलों की समीक्षा कर वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। डीएम ने कहा कि माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण, सम्मानपूर्ण जीवन एवं सुरक्षा आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण अधिनियम है। लेकिन लक्षित वर्ग को अधिनियम के प्रावधानों के संबंध में सूचना नहीं रहने के कारण अधिकांश वरिष्ठ नागरिक इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं। डीएम ने नियमावली के प्रावधानों का व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ पंचायत, नगरपालिका, नेहरू युवा केंद्र, शैक्षणिक संस्थाओं, पुलिस, स्वास्थ्य, आपदा एवं जन-संपर्क विभाग आदि के साथ समन्वय स्थापित कर वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए विभिन्न प्रभावी तरीकों को भी अपनाने का निर्देश दिया है। इस दौरान डीएम ने अनुमंडल स्तर पर गठित जिले के सभी पांचों भरण-पोषण अधिकरणों में प्राप्त, निष्पादित एवं लंबित वादों की भी समीक्षा की तथा अब तक प्राप्त 47 में से 30 वादों के लंबित रहने पर नाराजगी जताई। सहायक निदेशक भवन कुमार नेे बताया कि भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम वरिष्ठ नागरिकों एवं माता-पिता के भरण-पोषण और देखरेख की प्रभावी व्यवस्था करती है। वैसे वरिष्ठ नागरिक जो अपनी आय अथवा अपनी संपत्ति से भरण पोषण करने में असमर्थ हैं, वे अपने व्यस्क बच्चों अथवा विरासत प्राप्त करने वाले संबंधितों से भरण-पोषण प्राप्त करने के लिए अनुमंडलीय भरण-पोषण अधिकरण में आवेदन कर सकते है। अधिकरण द्वारा मासिक भरण-पोषण के लिए दस हजार रुपए प्रतिमाह तक का आदेश किया जा सकता है। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र-hindusthansamachar.in

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