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सजा पूरी कर चुकी मंडल कारा में बंद बांग्लादेशी बंदी को वतन तक पहुंचाने के लिए विधिक सेवा प्राधिकार संवेदनशील

बिहारशरीफ, 9 मार्च (हि स)। बिहारशरीफ मंडल कारा में सजा पूरी करने के बावजूद बंद बांग्लादेशी महिला को न्यायालय की पहल पर अब उम्मीद जगी है कि वह जल्द ही अपने वतन को वापस लौट कर अपनों से मुलाकात कर पाएगी. नालंदा जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव आदित्य पांडे ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बिहार शरीफ मंडल कारा के अधीक्षक से कारा में बंद बांग्लादेशी महिला बंदी रिया आफरीन रूपा के संबंध में अद्यतन प्रतिवेदन मांगा था. मामला के संबंध में आपको बताया गया है कि नूरसराय थाना पुलिस ने 5 दिसंबर 2019 को थाना क्षेत्र के अहियापुर मोड़ से बांग्लादेशी महिला रिया आफरीन रूपा को भटकते हुए बरामद किया था. पूछताछ में महिला ने अपनी पहचान बांग्लादेश के खुलना जिला के खालिसपुर थाना क्षेत्र निवासी शाहजहां अली की पुत्री रिया आफरीन रूपा बताया था. पुलिस ने विदेशी अधिनियम के उल्लंघन का दोषी पाते हुए बांग्लादेशी महिला को जेल भेज दिया. विदित हो कि 16 जनवरी 2021 को FTC न्यायालय प्रथम बिहार शरीफ ने उक्त विदेशी महिला अभियुक्त को विदेशी अधिनियम 1946 की धारा 14 के अंतर्गत दोषी पाते हुए 1 वर्ष का साधारण कारावास तथा 500 रुएये अर्थदंड की सजा और अर्थदंड जमा नहीं करने पर 7 दिन का साधारण कारावास की अतिरिक्त सजा दी गई जो 22 जनवरी 2021 को महिला बंदी ने पूरा कर लिया है.न्यायालय के निर्देशन में रिया आफरीन रूपा विदेशी महिला बंदी को उसके देश पहुंचाने के लिए उचित माध्यम से विदेश मंत्रालय,गृह मंत्रालय नई दिल्ली से संपर्क करने हेतु निर्देश दिया गया था. जिसके आलोक में व्यक्तिगत स्तर से पुलिस अधीक्षक नालंदा से अनुरोध किया गया एवं इस संबंध में विभाग से भी पत्राचार किया गया. इधर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव आदित्य पांडे ने इस मामले को गंभीरता से लेकर मानवीय रुख अपनाया है ताकि जल्द से जल्द बांग्लादेशी महिला जेल से बाहर निकल सके. जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से उसे हर संभव विधिक सहायता मुहैया कराने का प्रयास किया जा रहा है. जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने जेल अधीक्षक से अभिलंब रूपा को किसी बेहतर जगह पर रखने का निर्देश दिया. बिहारशरीफ जेल अधीक्षक ने विदेशी महिला बंदी रूपा को उसके देश पहुंचाने तक केंद्रीय कारा पूर्णिया के परिसर में स्थित संसीमन केंद्र में स्थानांतरण करने हेतु विभाग से अनुरोध किया है लेकिन विभाग के द्वारा सूचित किया गया कि महिला विदेशी नागरिकों के रहने के लिए पूर्णिया संसीमन केंद्र में व्यवस्था नहीं है. इधर नालंदा जिले में उक्त बांग्लादेशी महिला नागरिक को पुलिस अभिरक्षा में रखने हेतु उपयुक्त स्थान को खोजा जा रहा है लेकिन अभी तक ऐसा कोई स्थान नहीं मिला है अतः वर्तमान में बांग्लादेशी महिला बंदी कारा में ही है. जेल अधीक्षक के अद्यतन रिपोर्ट के पश्चात जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव आदित्य पांडे इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उस महिला को विधिक सहायता प्राप्त करा कर जल्द से जल्द जेल से बाहर कराने का प्रयास कर रहे है क्योंकि महिला बंदी अपनी सजा पूरी कर ली है और न्यायालय इस मामले में मानवीय रुख अपना कर संवेदनशीलता बरतते हुए उसे जेल से बाहर करा कर जिले के ही किसी सुरक्षित स्थान पर रखने का तत्काल प्रयास कर रही है. जब तक कि वह अपने वतन को ना लौट जाए. हिन्दुस्थान समाचार/प्रमोद/चंदा

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