लालू यादव राजनीतिक बंदी नहीं, जेल में दरबार लगाने पर कोर्ट संज्ञान लेः सुशील मोदी
लालू यादव राजनीतिक बंदी नहीं, जेल में दरबार लगाने पर कोर्ट संज्ञान लेः सुशील मोदी

लालू यादव राजनीतिक बंदी नहीं, जेल में दरबार लगाने पर कोर्ट संज्ञान लेः सुशील मोदी

पटना, 13 जुलाई (हि.स.)। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि लालू प्रसाद जेल में रहें या जमानत पर बाहर आयें, इसका फैसला न्यायालय को करना है। लेकिन, कुछ लोग न्यायपालिका पर राजनीतिक दबाव बना रहे हैं। राजद समर्थक एक दल ने कोरोना के बहाने राजनीतिक और सामाजिक बंदियों को पेरोल या जमानत पर छोड़ने की अपील करते हुए लालू प्रसाद यादव को भी यह रियायत देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सजायाफ्ता से इतनी हमदर्दी दिखाने वाले यह तथ्य छिपा रहे हैं कि लालू प्रसाद चारा घोटाला के दोष सिद्ध अपराधी हैं, कोई राजनीतिक बंदी नहीं। वे कोरोना काल में भी अगर जेल नियमों का उल्लंघन कर दरबार लगा रहे हैं, तो इस पर अदालत और सीबीआई को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए। डिप्टी सीएम मोदी ने कहा कि कोरोना संक्रमण की जांच के लिए बिहार को 40 हजार रैपिड एंटीजन किट मिले, जिससे सभी जिलों में सैंपल की जांच 24 घंटे की बजाये अब मात्र 30 मिनट में होने लगेगी। दूसरी अच्छी खबर यह कि पिछले 20 दिनों में चमकी बुखार से एक भी मौत नहीं हुई। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार के इलाज के लिए 100 बिस्तर वाला विशेष अस्पताल एक साल के भीतर बना लेने से इस रोग पर काफी हद तक काबू पाया जा सका। पिछले साल राजद के राजकुमार चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों के परिवार से मिलने तक नहीं गए थे। अब उन्हें कम से कम विशेष अस्पताल तो देख ही लेना चाहिए। विपक्ष रोज बयान देकर पीड़ित परिवारों का मनोबल तोड़ रहा है और स्वास्थ्य सेवाओं के आईसीयू में होने का अनर्गल आरोप लगा रहा है, लेकिन उन्हें कोरोना और चमकी बुखार से निपटने में सरकार की तत्परता दिखाई नहीं पड़ती। सजायाफ्ता लालू यादव ने जेल में लगाया दरबार, फोटो वायरल करोड़ों के चारा घोटाले के चार मामलों में सजायाफ्ता झारखंड में रिम्स के पेइंग वार्ड में इलाज करवा रहे आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव दरबार लगा रहे हैं। एक बार फिर उनकी फोटो वायरल हो रहा है, जिसमें वे झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के साथ और कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शमशेर आलम के साथ बैठे हैं। इस तीनों लोगों के अलावा एक व्यक्ति और साथ में है। इससे पहले भी कई बार बिना जेल प्रशासन की अनुमति के लोगों के साथ उनके मुलाकात की तस्वीरें सामने आई हैं। राजद और कांग्रेस समर्थित झामुमो की हेमंत सोरेन की सरकार बनने के बाद ऐसी गतिविधियां बढ़ गई हैं। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/विभाकर-hindusthansamachar.in

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