krida-bharti-is-upgrading-traditional-sports-in-503-districts-of-the-country-raj-chaudhary
krida-bharti-is-upgrading-traditional-sports-in-503-districts-of-the-country-raj-chaudhary

देश के 503 जिलों में पारंपरिक खेलों का उत्थान कर रही है क्रीड़ा भारती : राज चौधरी

बेगूसराय, 08 मार्च (हि.स.)।आवश्यक क्रीड़ा संस्कृति, शुद्ध चरित्र और देशभक्ति को आत्मसात करते हुए 1992 से काम कर रही क्रीड़ा भारती का एकमात्र उद्देश्य है खेल और खिलाड़ियों का विकास। खेल के लिए समर्पित कार्यकर्ताओं को संगठित करना और सभी देशवासियों को खेल द्वारा तंदुरुस्ती एवं सेहत बनाने के लिए आनंददायी खेल खेलने के लिए प्रेरित करना। यह बातें अपने बेगूसराय प्रवास के दौरान हिन्दुस्थान समाचार से विशेष बातचीत में संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री राज चौधरी ने कही। उन्होंने कहा कि आनंदमयी खेल से तन-मन-धन सब कुछ प्राप्त हो सकता है। क्रीड़ा भारती की कमेटी देश के सभी प्रांतों में बन गई है, 503 जिलों में कार्य चल रहा है।सभी जिलों में खेल एवं खिलाड़ियों के उत्थान का कार्य चल रहा है। देशभर में लगातार उपक्रम-कार्यक्रम कर पंच सूत्री कार्यक्रम को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिसमें छोटे-छोटे बच्चे भी देशभक्त और अच्छे खिलाड़ी कैसे बन सकते हैं इन आयामों पर काम किया जाता है। उनका चरित्र निर्माण स्कूलों के माध्यम से कराया जाता है, ताकि वह अच्छे खिलाड़ी बनकर देश के काम आएं। इसके अलावा हनुमान जयंती समारोह, सूर्य नमस्कार महायज्ञ, क्रीड़ा ज्ञान परीक्षा एवं राजमाता जीजाबाई सम्मान आदि उपक्रम देशभर में किए जा रहे हैं, ताकि हम अधिक से अधिक गांवों तक पहुंच सकें। उन्होंने कहा कि देश में कई खेल संघ, एसोसिएशन और फेडरेशन हैं, लेकिन वह केवल एक खेल के लिए काम करते हैं। जो खिलाड़ी सेलेक्ट होते हैं उन पर ध्यान देते हैं। लेकिन क्रीड़ा भारती देशवासी की बीच आनंदमयी खेल कराती है। उसमें से जो बच्चे चुनकर आते हैं, उन्हें संबंधित खेल एसोसिएशन में भेज कर प्रतिभा तराशने का काम करवाया जाता है। एक के बदले सभी खेलों की सेवा करना हमारा वृत्त है। क्रीड़ा भारती पारंपरिक खेल को बढ़ावा देने की दिशा में सबसे अधिक काम करती है। भारतीय संस्कृति में बहुत सारे खेले हैं, जिसमें शरीर और बुद्धि का विकास होता है, मन के संस्कार बनते हैं। देश में बहुत सारे खेल ऐसे हैं जो हमारी परंपरा से हैं और आनंद के साथ खेले जाते हैं। हम उसका आविष्कार फिर से करना चाहते हैं, लोग उसे भूल चुके हैं, लेकिन हम याद दिला कर प्रशिक्षित कर उन खेलों को देश-दुनिया में स्थापित करने के काम में जुटे हुए हैं। इन्हीं सारे उद्देश्य को लेकर पारंपरिक खेल पर अधिक ध्यान दिया जाता है। क्रीड़ा भारती का उद्देश्य भारत में स्थापित खेलों के साथ-साथ स्वदेशी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के परंपरागत खेलों को बढ़ावा देना है, ताकि समाज के सभी वर्ग मैदान में आकर खेल सकें, खेलों के माध्यम से स्वस्थ शरीर एवं सम्मुचित मानसिक संस्कार प्राप्त खिलाड़ियों में राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण हो ऐसा कार्य क्रीडा भारती कर रही है। संपूर्ण देश के ग्रामीण क्षेत्रों में छुपी हुई खेल प्रतिभा का चयन कर उसे निखारने और अच्छे खिलाड़ी के रुप में तैयार कर पंचायत स्तर से प्रारंभ कर प्रखंड, जिला, राज्य का प्रतिनिधित्व कराना एवं राष्ट्रीय टीम में चयनित होकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर राष्ट्र को गौरवान्वित करें ऐसा उद्देश्य क्रीड़ा भारती का है। अच्छे खिलाड़ी का अर्थ संस्कार युक्त चरित्र, अनुशासित राष्ट्रभक्त होना है, तंदुरुस्त शरीर में सफल मन का वास होता है, इसलिए क्रीड़ा भारती जनमानस की सहायता से खेलों के माध्यम से हमेशा सबल राष्ट्र निर्माण का कार्य कर रही है। संगठन शहरों से लेकर सुदूर ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्रों तक पहुंच के द्वारा एकलव्य का निर्माण कर रही है। अपना लक्ष्य निर्धारित करते हुए अपने संगठन के माध्यम से हमने राष्ट्रीय स्तर पर काम करना प्रारंभ किया है, जिसके माध्यम से विभिन्न खेलों में ऐसे खिलाड़ियों का निर्माण करना है जो राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व करने के योग्य हो सकें। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in