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कन्हैया ने गांव में खेली होली, मटिहानी में हुआ रंग डालो प्रतियोगिता

बेगूसराय, 29 मार्च (हि.स.)। छिटपुट घटनाओं को छोड़कर बेगूसराय में होली का त्यौहार शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। अब रात में शब-ए-बारात मनाई जा रही है। होली एवं शब-ए-बारात को लेकर प्रशासन द्वारा तीन सौ से अधिक जगहों पर दंडाधिकारी समेत पुलिस वालों की तैनाती की गई थी। जिसमें से अधिकांश जगहों पर अधिकारी एवं पुलिसकर्मी गायब रहे, इसके बावजूद लोगों ने काफी सूझबूझ का परिचय देते हुए शांतिपूर्वक होली मनाई। जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और चर्चित कम्युनिस्ट नेता डॉ. कन्हैया कुमार ने अपने गांव बीहट में होली मनाई। वे सुबह से ही लोगों से मिलकर रंग बिरंगे रंगों से सराबोर होते रहे। वहीं, दूसरी ओर जिले के मटिहानी में चर्चित होली में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। यहां हजारों लोगों ने एक जगह जुटकर ब्रज की लठमार होली नहीं खेली, बल्कि रंगों के बरसात की प्रतियोगिता में शामिल हुए। मटिहानी गांव में एक दिन नहीं बल्कि दो दिन होली मनाई जाती है। खास यह कि यहां कुआं पर सामूहिक होली खेली जाती है। पहले दिन सोमवार को चार कुआं पर जमा हुए तथा दो कतार में कई ड्रम, नांद व अन्य बड़ा बर्तन रखा गया था। जिसमें कुआं से पानी भरकर रंग घोला गया। इसके बाद दो पक्ष में बंटकर लोग अलग-अलग कतार में रंग के भरे बर्तन के सामने खड़े होकर तथा एक पक्ष दूसरे पक्ष पर पिचकारी से रंग डालते रहे। जो पक्ष दूसरे को रंग डालकर भागने पर मजबूर कर देगा, वह विजेता घोषित होगा। यही सिलसिला दूसरे दिन मंगलवार को दो कुआं पर चलने के बाद विजेता एवं उप विजेता घोषित किया जाएगा। रंगों की बरसात प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए बेहतर पिचकारी की आवश्यकता होती है। बाजार में बिकने वाली बड़ी पिचकारी की बात तो दूर प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए लोगों ने साइकिल में हवा देने वाले पंप एवं बांस की पिचकारी भी तैयार कर लिया था। गांव के बुजुर्ग एवं पूर्व सरपंच राजेंद्र चौधरी राजेश ने बताया कि इस गांव में वर्षों पूर्व राजस्थान के माड़वार समाज के एक परिवार रहते थे, जो राजस्थान से पिचकारी लेकर यहां आए थे। पहली बार उन्होंने ही दो पक्ष में बांटकर कुआं पर होली की शुरूआत कराई थी, माड़वार समाज का वह परिवार अब यहां नहीं है, लेकिन वह परंपरा आज भी चल रहा है। इस होली में सिर्फ आम नहीं बल्कि खास लोग भी शामिल होते हैं। गांव से बाहर रहने वाले लोग भी होली के अवसर पर गांव पहुंचते हैं तथा होली में शामिल होकर पर्व का आनंद लेते हैं। पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय भी यहां की होली में शामिल हो चुके हैं। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र

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