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बिहार मंत्रीमंडल में कोसी से पहली बार कमल को मिली हिस्सेदारी

राज्य और भारतीय राजनीति के धुर्व माने जाने वाले मिश्रा परिवार के सदस्य मंत्रिमंडल में जाने से वंचित सुपौल, 9 फरवरी (हि. स.)। कोसी में कमल खिलाने वाले दो विधायकों को पहली बार नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में जगह दिलाकर भाजपा ने कोसी में अपनी पकड़ मजबूत बनाने का संदेश दिया है। छातापुर से भाजपा विधायक नीरज कुमार सिंह बबलू और सहरसा से भाजपा विधायक आलोक रंजन को पहली बार मंत्रीमंडल में शामिल किए जाने से भाजपा कार्यकर्ताओं में काफी खुशी देखी जा रही है। छातापुर के नीरज कुमार सिंह बबलू जहां पांचवीं बार विधायक बनने के बाद मंत्रिमंडल में शामिल किए गए है। वही सहरसा के आलोक रंजन दूसरी बार विधायक बनने के बाद मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं। जानकार बताते हैं कि छातापुर के विधायक नीरज कुमार सिंह बबलू का राजनीति में प्रवेश जदयू के साथ हुआ। दो बार सुपौल जिले के राघोपुर से उन्होंने जदयू का प्रतिनिधित्व करने के बाद आरक्षित सीट से सामान्य सीट बने छातापुर विधानसभा क्षेत्र से 2010 में जदयू से विधायक बने लेकिन 2015 में उन्होंने जदयू का दामन छोड़ भाजपा का झंडा थाम कोसी में एक मात्र भाजपा विधायक बनने का गौरव हासिल किया। पुनः 2020 में उन्होंने छातापुर से जीत हासिल किया। सहरसा के भाजपा विधायक आलोक रंजन पहली बार 2010 में भाजपा से विधायक बने लेकिन 2015 में इन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने पूर्व सांसद लवली आंनद को करारी शिकस्त दी और सहरसा में मुरझाए कमल को खिलाने का काम किया। यही कारण है कि कोसी में भाजपा के इन दोनों विधायको पर भाजपा ने भरोसा जताया है। भारतीय राजनीति के धुर्व माने जाने वाले मिश्रा परिवार के सदस्य मंत्रिमंडल में जाने से वंचित कभी बिहार राज्य की सत्ता में ही नहीं बल्कि केंद्र की सत्ता की गलियारों तक तुंति बोलने वाले मिश्रा परिवार का राजनीति में पकड़ ढीला होता जा रहा है। मिथिलांचल में ब्राह्मण के मजबूत स्तंभ माने जाने वाले मिश्रा परिवार के झंझारपुर से भाजपा विधायक नीतीश मिश्रा को मंत्रीमंडल में शामिल नहीं किए जाने से कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। लपूर्व केंद्रीय मंत्री सुपौल का बेटा नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल पूर्व केंद्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन को नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने पर भाजपा कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल देखा जा रहा है। सुपौल के विलियम्स हाई स्कूल में पढ़े शाहनवाज हुसैन के पिता सुपौल के मिडिल स्कूल में एक सहायक शिक्षक हुआ करते थे। पहली बार सीमांचल के किशनगंज से सांसद बनने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी के शासन काल में सबसे कम उम्र का केंद्रीय मंत्री बनने का गौरव प्राप्त किया था। हिन्दुस्थान समाचार/ राजीव/चंदा-hindusthansamachar.in

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