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मनरेगा योजना में मजदूरों काे केवल मजदूरी नहीं, पशुपालन के लिए मिलेंगे सेड

गोपालगंज,27 मई (हि.स.)। मनरेगा योजना में केवल ग्रामीण मजदूरी ही नहीं अब गाय-भैंस, बकरी और मुर्गी पालन का व्यवसाय भी कर सकेंगे। जिसमें महिलाओं की सहभागिता अधिक रहे। इसके लिए मनरेगा से बनने वाले शेड में महिलाएं डेयरी खोलकर अपना जीवन संवार सके। इच्छुक महिलाओं को गरीब कल्याण रोजगार योजना के तहत नि:शुल्क प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर भी बनाया जाएगा। जिसको लेकर जिले में 85 महिलाओं को मनरेगा के तहत सेड बनाए जाने के लिए चयन किया गया। पहले मनरेगा से सड़क,तालाब,नाले आदि का काम महिला और पुरूष मजदूरों से कराया जाता था लेकिन कोरोना महामारी के बाद सरकार ने संसोधन करते हुए मजदूरों को स्वरोजगार के लिए महिलाओ और पुरूष मजदूराें के साथ सीमांत व लघु किसानों को सेड का निर्माण कराकर पशुपालन कर सकेंगे। इसमें दो प्रकार के लाभूकों को लाभ मिलेगें। जिसमें 2 पशु वाले को पशु शेड के तहत भूमि पर शेड, नाद, फर्श व यूरिनल ट्रैक निर्माण पर उन्हें मनरेगा के माध्यम से 75 हजार रुपए तथा 4 पशु वाले लाभूकों को उक्त निर्माण कार्य के लिए एक लाख 16 हजार रुपए खर्च मिलेंगे। इसके लिए महिला और पुरूष दोनों को लाभ मिल सकेंगा। इसी प्रकार बकरी पालन और मुर्गी पालन के लिए सेड का निर्माण मनरेगा से किया जा रहा है। जानकारो का कहना है कि लॉकडाउन में जो मजदूर गांव आए है। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और पशुपालन तथा मुर्गी पालन आजीविका का मुख्य स्त्रोत होता है। इसे बढ़ावा देने के लिए मनरेगा से पशु शेड बनवाए जा रहे है। इसका लाभ गांव के लोगों को मिलेगा तो उन्हें वह स्थाई रोजगार उपलब्ध हो सकें। जिससे लोगों को आत्मनिर्भर बनने की राह आसान हो सकें। आरसेटी के निदेशक कृष्णा कुमार मिश्र ने बताया कि जिले के सभी प्रखंडो के कुल 45 लोगों को प्रशिक्षण पूरा करने के बाद स्वरोजगार प्रमाण पत्र दिया गया है। प्रशिक्षण लेने वाली महिलाएं तथा ग्रामीणों को डेयरी खोलने के लिए मनरेगा से सेड उपलब्ध कराया जा रहा जो इस कार्य में सहयोग होगा। इच्छुक ग्रामीणों को दो लाख से लेकर दस लाख तक का ऋण आसान शर्त पर स्वरोजगार प्रमाण पत्र के आधार पर मिलेगा। उन्होंने बताया कि आरसेटी के माध्यम से युवक-युवतियों को डेयरी उद्योग, मुर्गीपालन सहित विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वावलंबी बनाया जा रहा है। जो मनरेगा से मिलने वाले सेड का उपयोग करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/अखिलानन्द/चंदा

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