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महामारी में मानवता: नवीन अब तक कर चुके हैं एक दर्जन कोरोना संक्रमितो की अंत्येष्टि

अखिलानंद मिश्र गोपालगंज, 17 मई (हि.स.)। शताक्षी सेवा संस्थान के संचालक नवीन श्रीवास्तव शिक्षा के सेवा में जहां गरीब छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क शिक्षा देकर उसको मंजिल तक पहुंचाते है। अब वहीं कोरोना काल में एक दर्जन से ज्यादा कोरोना संक्रमित व कोरोना संदिग्धों के अंतिम संस्कार कर चुके। लगभग 12 अंत्येष्टि करने के बाद नवीन ने पीड़ा के साथ यही कहा कि मैं इसे खुशी का रिकॉर्ड नहीं मानता, बल्कि इंसानियत का धर्म निभाने के बीच मानव सेवा मानता हूं। वैसे नवीन लवारिश शव का अंतिम सस्कार पढ़ाई के समय से करते आ रहे है। वह बताते है कि उनके ममेरे भाई के गंगा नदी में डूबने के बाद तीन दिन तक शव को खोजने के दौरान गंगा नदी में बहते शव को देखकर उनके मन में आया कि वे लवारिश शव का अंतिम संस्कार में आज से लग जाएंगें। उन्होंने वैसा ही किया। नवीन का घर शहर के बगल मानिकपुर गांव में हैं। जहां उन्होंने शताक्षी सेवा संस्थान के बैनर तले नि:शुल्क शिक्षा देना शुरू किया। जिसमें उनकी पत्नी शिल्पा श्रीवास्तव ने चढ़बढ़ कर सहयोगा किया। उन्होंने बताया कि कोरोना की पहली लहर और दूसरी लहर में 12 से ज्यादा कोरोना संक्रमितों व कोराना संदिग्धों की अंत्येष्टि वह कर चुका हूं। परिस्थिति ही ऐसी थी । नवीन ने बताया कि इसके पूर्व में जहां लावारिश शव का अंतिम संसर करता था। वहाँ कोविड से किसी व्यक्ति की मौत हुई तो रिश्तेदार और परिवार के रहते हुए भी कोई नजदीक नहीं आए। अंतिम संस्कार तो बाद की बात थी, शव को हाथ तक नहीं लगाया। ऐसे हालात देखकर रहा नहीं गया। फिर खुद को सुरक्षित रखते हुए कोविड गाइडलाइन से अंतिम संस्कार करने का कड़ा फैसला लिया। नवीन बताते हैं कि पहले तो मृतक के परिजन पास नहीं आते थे। मुझे देखकर व समझाने के बाद अब कुछ लोग आगे आने लगे हैं, लेकिन फिर भी डरते हैं। परिजनों के साथ अंतिम संस्कार का सारा काम संपन्न करवाता हूं। शव पैकिंग से लेकर अंतिम संस्कार होने के बाद पीपीई किट जलाकर सेनेटाइज होकर निकलने तक का काम खुद करता हूं। परिजनों ने अंत्येष्टि के बाद मेहनताना देने की भी पेशकश की, पर ईमान नहीं डगमगाया। टीम के साथी मनीष किशोर नाराणय,शिल्पी श्रीवास्तव, निलेश त्रिपाटी,मुकेश कुमार भी सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मानव सेवा का जज्बा लिए कोरोना काल में जहां लोग ऑक्सीजन और एंबुलेंस के लिए परेशान थे। वहीं सदर अस्पताल में दोनों सेवा लेकर संस्थान के लोग तैनात थे। जिन्हें जरूरत पड़ी। उन्हें उपलब्ध कराया गया। उन्होंने लोगों से अपील की कि घर में रहे,सुरक्षित रहे| लापरवाही न करें, मास्क, सेनेटाइज का उपयोग करें। मुझे भी कई बार घर से भी दूर रहना पड़ता है, ताकि मेरी वजह से परिजन संक्रमित न हो। हिन्दुस्थान समाचार

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