खगड़िया में बूढ़ी गंडक का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर

खगड़िया में बूढ़ी गंडक का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर
खगड़िया में बूढ़ी गंडक का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर

खगड़िया, 27 जुलाई (हि.स.)। बूढ़ी गंडक नदी अपने गंतव्य तक पहुंचने के पहले खतरे के निशान को पार कर गई। सोमवार की सुबह बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर 36.62 मीटर दर्ज किया गया जो खतरे के निशान से 2 सेंटीमीटर ऊपर है, जबकि गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को छूने के करीब है। गंगा नदी के जलस्तर में खतरे का निशान 34.07 मीटर पर है। सोमवार की सुबह तक गंगा का जलस्तर 33.55 मीटर तक पहुंच चुका है। जबकि खतरनाक माने जाने वाली कोसी नदी के जलस्तर में गिरावट का रुख देखा जा रहा है जबकि बागमती नदी का जलस्तर स्थिर है। कोसी का जलस्तर 35.78 मीटर तथा बागमती नदी का जलस्तर 38.21 मीटर दर्ज किया गया। खगड़िया जिले के सभी सात अंचलों में बाढ़ का नजारा देखने को मिल रहा है। बूढ़ी गंडक और गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण आसपास के इलाकों में पानी भर गया है। जिले का अलौली अंचल बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित है। जिले में कुल 129 पंचायतें हैं जिनमें से 32 पंचायतों के करीब 90 गांव की 74 हजार से अधिक आबादी बाढ़ से प्रभावित है। जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने बताया कि प्रभावित परिवारों के लिए फिलहाल एक रिलीफ कैम्प और 3 सामुदायिक किचन का संचालन किया जा रहा है। आवागमन के लिए सरकारी और निजी नावों को अलग-अलग प्रमुख स्थानों पर तैनात किया गया है। वहीं अभी तक 1100 सौ से अधिक फूड पैकेट और करीब 600 पॉलीथिनन शीट्स का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि जिले के सारे तटबंध बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल संख्या एक एवं दो से नियंत्रित होती है। सभी तटबंध पूरी तरह सुरक्षित हैं। हिन्दुस्थान समाचार/ अजिताभ/हिमांशु शेखर /विभाकर-hindusthansamachar.in

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