gandak-project39s-crores-of-machines-are-rusting
gandak-project39s-crores-of-machines-are-rusting

गंडक परियोजना की करोड़ों की मशीनें जंग खा रही है

बेतिया, 27 फरवरी (हि.स.)।ने नेपाल सीमा पर स्थित ऐतिहासिक गंडक बराज के अस्तित्व को चार चांद लगाने वाले करोड़ों रुपये कीमत की मशीनें आज जल संसाधन विभाग के यांत्रिक प्रमंडल की अनदेखी के चलते खुले आसमान के तले बदहाली के आंसू बहाने को विवश हैं। वर्ष 1964 में बराज शिलान्यास के समय गंडक बराज के निर्माण तक यह सभी मशीन हरकत में थी। लेकिन सरकार और विभाग द्वारा कब के बाद से अभी तक किसी भी छोटी बड़ी परियोजनाओं में इन मशीनों का उपयोग नहीं कर पाना ही शायद इनके बदहाली का प्रमुख कारण बना। जल संसाधन विभाग के बाल्मीकि नगर स्थित यांत्रिक प्रमंडल के केंद्रीय कर्मशाला सहित गंडक पार नेपाल के गाइड बांध जीरो आर डी स्थित यांत्रिक परिसर में आज के जमाने में भी उपयोगी साबित होने वाली कीमती मशीनें रख-रखाव न होने से नष्ट होने के कगार पर है। उल्लेखनीय है कि विभाग के विभिन्न परिसरों में पीएंड, एच, टाटा द्वारा निर्मित क्रेन, ड्रग लाइन,डंफर, लेट्रोमियां लेथ मशीन, बोलडोजर, मिक्सर मशीन,सरीखे दर्जनों कीमती मशीनें सड़ गल रही है। जबकि आज भी विभिन्न निर्माण कार्यों में इन मशीनों का उपयोग किया जा सकता है। यांत्रिक प्रमंडल गंडक प्रोजेक्ट के कार्यपालक अभियंता मोहम्मद अब्दुल कयूम ने बताया कि गंडक बराज की आस्थापना पश्चात विभाग द्वारा इन मशीनों का उपयोग नहीं किया जा सकता है। साथ ही पुरानी पद्धति पर आधारित इन मशीनों का इस्तेमाल आज की आधुनिक मशीनों के मुकाबले थोड़ा जटिल तथा महंगा हो सकता है। शायद यही सब कारण प्रमुख है कि विभाग इन मशीनों के प्रति संजीदगी नहीं दिखा रही है। हिन्दुस्थान समाचार / अमानुल हक

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in