बिहार में मकर संक्रांति के पावन पर्व पर नदी घाटोंं पर लगी आस्था की डुबकी, नदी घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
पटना, 14 जनवरी (हि.स.)। मकर संक्रांति महापर्व के अवसर पर बिहार में गुरुवार को सुबह से ही नदी घाटों पर स्नान-दान व पूजा-अर्चना की गई। राजधानी पटना सहित पूरे बिहार में श्रद्धालु गंगा, कोसी, गंडक, बाघमती सहित अन्य नदी घाटों पर स्नान कर मंदिरों में पूजा कर तिल से बनी वस्तुओं का दान किया। प्रशासन द्वारा विभिन्न नदी घाटों पर नौका परिचालन पर रोक लगा दी गई और नदी घाटों पर पुलिस की तैनाती की गई थी। पौष महीने में पड़ने वाले मकर संक्रांति के दिन भगवान भास्कर और विष्णु पूजा का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन सूर्य को अर्घ्य देने से शरीर निरोग होता है तथा यश मिलता है। पटना में गुरुवार सुबह से ही श्रद्धालु गंगा स्नान कर तिल व गुड़ आदि का दान करने में लगे हैं। ज्योतिषियों के अनुसार मकर संक्रांति का पुण्य काल सुबह 8:30 बजे से आरंभ होकर सायं 5:46 बजे तक रहा। इसमें महा पुण्य काल सुबह 8:30 बजे से आरंभ होकर 9:15 बजे तक रहा। राज्य के नदी घाटों पर सुरक्षा के लिए नदी के अंदर बांस-बल्ला से बैरिकेडिंग की गई है। बैरिकेड़िग पार करने से रोकने के लिए पुलिस की तैनाती की गई थी। पटना में मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा के 14 घाटों पर 120 लाठीधारी व 49 महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। इसके अलावा 21 दंडाधिकारियों तथा 14 पुलिस अधिकारियों की भी प्रतिनियुक्ति की गई है। उल्लेखनीय है कि मंकर संक्रांति के पावन पर्व पर आज 26 साल का रिकॉर्ड भी टूट गया। राजद, जदयू ,भाजपा सहित अन्य दलों ने दही -चूड़ा के भोज से दूरी बनायी। हिन्दुस्थान समाचार/गोविन्द-hindusthansamachar.in