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डिप्टी सीएम ने नगर विकास एवं आवास विभाग का द्वितीय अनुपूरक बजट किया पेश

- 2,379 करोड़ का 48 लाख 9 हजार रुपये का आकार पटना, 26 फरवरी (हि.स.)।बजट सत्र के छठे दिन डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने आज बिहार विधानसभा में नगर विकास एवं आवास विभाग का 2,379 करोड़ 48 लाख 9 हजार रुपये का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया।उन्होंने नगर विकास एवं आवास विभाग के द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरण को पेश करते हुए कहा कि नगर विकास एवं आवास विभाग को स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय मद के अंतर्गत विभिन्न मदों में कुल 1347 करोड़ 42 लाख 9 हजार रुपये द्वितीय अनुपूरक आगणन से प्राप्त हुआ है। इसकी विवरणी एवं औचित्य को उन्होंने सदन के पटल पर रखा। उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि राज्य वित्त आयोग के लिए द्वितीय अनुपूरक से प्राप्त राशि 638 करोड़ 27 लाख 98 हजार रुपया है।नगर प्रबंधकों को मानदेय के लिए एक करोड़ 90 लाख रुपये, कार्यपालक पदाधिकारियों के वेतन के लिए पांच करोड रुपये, नगर और प्रादेशिक आयोजन की स्थापना के लिए 20 लाख रुपये, भू-संपदा अपीलीय न्यायाधिकरण के लिए एक करोड़ 64 लाख 9 हजार रुपये, बकाया विद्युत विपत्र के लिए 700 करोड रुपये, नगर विकास एवं आवास विभाग के लिए 40 लाख रुपये सहित कुल 1,347 करोड़ 42 लाख 9 हजार रुपये द्वितीय अनुपूरक आगणन से प्राप्त राशि है। नगर विकास एवं आवास विभाग को स्कीम मद में 1,032 करोड़ डिप्टी सीएम ने कहा कि नगर विकास एवं आवास विभाग को स्कीम मद अंतर्गत विभिन्न योजनाओं में कुल 1,032 करोड़ 6 लाख रुपये द्वितीय अनुपूरक आगणन से प्राप्त हुआ है, जिसके अंतर्गत नाला निर्माण, सीवरेज एवं अन्य सैनिटेशन योजना के लिए द्वितीय अनुपूरक आगणन से प्राप्त राशि 135 करोड़ रुपये है। नागरिक सुविधा के लिए 50 करोड़ रुपये, भू-अर्जन के लिए 100 करोड़ अमरूत के लिए 495 करोड़ 52 लाख रुपये, सबके लिए आवास (शहरी) मिशन के लिए 51 करोड़ 54 लाख रुपये, पटना मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड के लिए 200 करोड़ रुपये सहित कुल 1,032 करोड़ 6 लाख रुपये द्वितीय अनुपूरक आगणन से प्राप्त राशि है। उन्होंने कहा कि पटना मेट्रो रेल परियोजना बिहार राज्य की महत्वाकांक्षी परियोजना है। इस परियोजना के कार्यान्वयन के क्रम में स्वीकृत प्रथम चरण के दो कोरिडोर के स्टेशनों के निर्माण के लिए स्थायी एवं अस्थायी भूमि के साथ डिपो के लिए चयनित भूमि का अधिग्रहण किया जाना आवश्यक है। उक्त कार्यों के लिए द्वितीय अनुपूरक आगणन से कुल 200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त उद्व्यय प्राप्त किया गया है। उन्होंने कहा कि नाला निर्माण, सीवरेज एवं अन्य सैनिटेशन योजना के लिए माह सितम्बर-अक्टूबर 2019 में अतिवृष्टि के कारण पटना शहर में जल-जमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी, जिसके कारण शहर को आर्थिक रूप से काफी नुकसान हुआ था। उक्त जल-जमाव के कारणों को जानने के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था। उक्त समिति द्वारा दिए गए प्रतिवेदन के आलोक में पटना शहर के जल-जमाव की समस्या के समाधान के लिए 22 स्थानों पर नए ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन के अधिष्ठापन की योजना स्वीकृत की गई है। उन्होंने कहा कि शहरों में कचड़ा फेंकने के लिए लैंडफिल साइट नहीं है। इसके लिए बाजार दर पर जमीन क्रय कर लैंडफिल साइट बनाने का निर्देश है। केंद्रीय प्रायोजित योजना अमृत के अंतर्गत राज्य के एक लाख से अधिक आबादी वाले 21 नगर निकायों में जलापूर्ति योजना, 3 नगर निकायों में स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज योजना एवं 27 नगर निकायों में पार्क विकास योजना कार्यान्वित है। इस योजना के लिए 50 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार द्वारा, 30 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा एवं 20 प्रतिशत राशि संबंधित नगर निकायों द्वारा वहन किया जाना है। अमृत योजना के मार्गदर्शिका के अनुसार भारत सरकार द्वारा विमुक्त राशि एवं इसके अनुपातिक राज्यांश की राशि एक महीने के अंदर योजना के कार्यान्वयन के लिए विमुक्त किया जाना है।उन्होंने कहा कि इस प्रकार स्कीम तथा स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय मद के अंतर्गत नगर विकास एवं आवास विभाग को कुल 2379 करोड़ 48 लाख 9 हजार रुपये मात्र द्वितीय अनुपूरक आगणन से प्राप्त हुआ है। हिन्दुस्थान समाचार

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