केंद्र सरकार ने आपदा राहत कोष से खर्च करने की सीमा 25 से बढ़ाकर 35 फीसदी कीः उपमुख्यमंत्री
केंद्र सरकार ने आपदा राहत कोष से खर्च करने की सीमा 25 से बढ़ाकर 35 फीसदी कीः उपमुख्यमंत्री

केंद्र सरकार ने आपदा राहत कोष से खर्च करने की सीमा 25 से बढ़ाकर 35 फीसदी कीः उपमुख्यमंत्री

पटना, 20 जुलाई (हि.स.)। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के उपायों में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार ने केंद्रीय टीम भेजी और इस महामारी से निपटने में आपदा राहत कोष से खर्च करने की सीमा 25 से बढ़ाकर 35 फीसदी कर दी। अब बिहार सरकार कोविड-19 से बचाव और इलाज पर आपदा राहत कोष से 660 करोड़ रुपये खर्च कर सकेगी। केंद्र ने राहत कोष में अपने हिस्से योगदान के 708 करोड़ रुपये जारी भी कर दिये। उन्होंने कहा कि आपदा राहत कोष से अब ज्यादा धनराशि पीपीई-किट, एकांतवास केंद्र, दवा, जांच, वेंटिलेटर आदि पर खर्च होगी। केंद्र से 264 नये वेंटीलेटर मिल रहे हैं। अगले सप्ताह से सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एंटीजन टेस्ट की सुविधा मिलेगी। एकांतवास केंद्रों में रखे गए मरीजों को अब रोजाना 175 रुपये तक का भोजन मिलेगा। जो लोग केवल संक्रमण बढ़ने के आंकड़े देखते हैं, उन्हें संक्रमण से निपटने के प्रयास में तेजी क्यों नहीं दिखती। लालू ने आपदा का भी मजाक उड़ाया डिप्टी सीएम मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद ने राजनीति को सम्पत्ति बनाने का जरिया बनाया, अपराध का जातिकरण या राजनीतिकरण किया और आपदा का भी मजाक बनाया। 2016 में जब पटना के लोग बाढ़ से घिरे थे, तब वे किसी को मछली मारने की सलाह दे रहे थे, तो कहीं ग्रामीणों को बता रहे थे कि दुआरे पर आयी गंगा मइया की पूजा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद ने पार्टी के जिम्मेदार सीनियर नेताओं को किनारे कर नेता विरोधी दल का पद परिवार में रखा, इसलिए युवा नेतृत्व के संस्कार भी उनके जैसे हैं। वे कोरोना संक्रमण के समय लगातार हल्की बयानबाजी कर रहे हैं। जिन्हें अदालत और चुनाव आयोग तक पर भरोसा नहीं, वे किसी की कोरोना जांच रिपोर्ट को भी खारिज कर सकते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/विभाकर-hindusthansamachar.in

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