demand-for-financial-grant-from-disaster-management-fund-to-private-schools-was-made-to-the-chief-minister
demand-for-financial-grant-from-disaster-management-fund-to-private-schools-was-made-to-the-chief-minister

निजी विद्यालयों को आपदा प्रबंधन कोष से आर्थिक अनुदान की मांग मुख्यमंत्री से की

सहरसा,16 जून (हि.स.)। निजी विद्यालयों में कार्यरत बेरोजगार युवक-युवतियों को आपदा प्रबंधन कोष से आर्थिक अनुदान एवं प्रस्वीकृति प्राप्त निजी विद्यालय का आरटीई बकाया राशि भुगतान को लेकर चिल्ड्रन स्कूल एसोसिएशन कोसी रेंज अध्यक्ष रामसुंदर साहा एवं एसोसिएशन के अन्य सदस्यों ने मुख्यमंत्री के नाम पत्र प्रेषित किया है। अध्यक्ष साहा ने कहा कि राज्य में वर्षों से शिक्षा का उत्तरोत्तर विकास निजी विद्यालयों में कार्यरत बेरोजगार युवक, युवतियों द्वारा पठन-पाठन के माध्यम से किया जा रहा है। विद्यालय की व्यवस्था बच्चों के द्वारा दी गई शुल्क से हो रहा है लेकिन विगत वर्ष से विश्वस्तरीय कोविड-19 लॉकडाउन के कारण विद्यालय बंद कर दिया गया है। ऐसे में निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों द्वारा शुल्क जमा नहीं हो रहा है।जिस कारण निजी विद्यालय की सभी व्यवस्था 14 महीने से चौपट हो गई है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्वीकृति प्राप्त आरटीई के अंतर्गत 25 प्रतिशत अलाभकारी परिवार के बच्चों को निशुल्क पढ़ाया जा रहा है। जिसकी क्षतिपूर्ति वर्ष 2017 से 2020 तक शिक्षा विभाग में लंबित है जिसका भुगतान आवश्यक है।उन्होंने कहा कि निजी विद्यालयों में मकान भाडा, सहायक शिक्षक, शिक्षिकाओं एवं कार्यरत कर्मचारियों का मासिक वेतन बच्चों के शुल्क से होता है। शुल्क जमा नहीं होने के कारण निजी विद्यालयों पर बैंक का कर्ज, मकान भाड़ा, बिजली बिल भुगतान बाकी है। प्राचार्य एवं निदेशकों के लिए भुखमरी आ गयी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार जिस प्रकार मजदूरों तथा किसानों को आपदा प्रबंधन कोष से आर्थिक अनुदान की राशि भुगतान करती है।उसी के आधार पर शिक्षित बेरोजगार युवक-युवतियों को एवं कार्यरत कर्मचारियों को दस हजार रुपए देने की स्वीकृति दें। प्राकृतिक विपदा के समय अनुदान देकर शिक्षा, शिक्षण कार्य में सहयोग कर शिक्षा के विकास में कार्य कर रहे बेरोजगारों को राहत देने की मांग की। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in