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सीएस को अब इंफ्रारेड थर्मामीटर.ऑक्सीमीटर के लिए नेताओं से लगानी पड़ रही गुहार

पटना ,08 मई (हि.स.)।बिहार में स्वास्थ्य विभाग जिला स्तर पर जरूरी संसाधन मुहैया कराने में भी विफल साबित हो रहा है।लिहाजा जिलों में पदस्थापित सिविल सर्जन को अब इंफ्रारेड थर्मामीटर.ऑक्सीमीटर जैसे छोटे संसाधन के लिए बीएमएसआईसीएल की बजाए माननीयों से गुहार लगानी पड़ रही है। सिविल सर्जन की गुहार पर जरूरी सामानों की उपलब्धता को लेकर राशि जारी की जा रही है ताकि आपदा की इस घड़ी में अस्पतालों में इन जरूरी संसाधनों को मंगाया जा सके। मधुबनी सिविल सर्जन ने लगाई गुहार मधुबनी के सिविल सर्जन ने 6 मई को विधानपार्षद सह नीतीश कैबिनेट में मंत्री संजय कुमार झा को पत्र लिखकर ऑक्सीजन,एक्स.रे मशीन एव अन्य उपकरण उपलब्ध कराने को लेकर गुहार लगाई। सिविल सर्जन ने राजनगर, झंझारपुर में एक्स.रे मशीन, फिंगर पल्स ऑक्सीमीट, एथर्मामीटर व अऩ्य सामान की आपूर्ति को लेकर पत्र लिखा। सिविल सर्जन के पत्र के बाद विधान पार्षद सह जल संसाधन मंत्री संजय झा ने उसी दिन यानि 6 मई को ही ऑक्सीजन प्लांट लगाने व अन्य सामानों की आपूर्ति को लेकर जिला योजना पदाधिकारी को पत्र लिख एच्छिक कोष से राशि निर्गत करने को कहा। हालांकि इसके लिए अनुशंसित राशि का उल्लेख नहीं किया गया है। दरभंगा जिले के लिए भी वहां के सिविल सर्जन की गुहार पर 53 लाख रुपये खर्च करने की अनुशंसा की है।मंत्री संजय झा ने कहा कि मधुबनी जिले के कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अररिया संग्राम के ट्रॉमा सेंटर में रोज 90 सिलेंडर ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता के प्लांट की स्थापना और रामपट्टी एवं झंझारपुर के कोविड केयर सेंटर में एक्स.रे मशीन एवं अन्य जरूरी उपकरणों की खरीद के लिए आज अपने ऐच्छिक कोष से राशि की अनुशंसा की है| वहीं दरभंगा जिले के कोरोना मरीजों के लिए एक एंबुलेंसए एक शव वाहन, 100 ऑक्सीजन फ्लो मीटरए 50 ऑक्सीजन सिलेंडर डी टाइप और 25 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर की खरीद के लिए ऐच्छिक कोष से 53 लाख रुपये निर्गत करने की अनुशंसा की। उल्लेखनीय है कि बिहार के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य विभाग की बीएमएसआईसीएल की तरफ से दवा से लेकर अन्य संसाधन मुहैया कराये जाते हैं। सरकार की तरफ से दावा किया जाता रहा है कि बीएमएसआईसीएल पास दवा से लेकर अऩ्य जरूरी उपकरण मौजूद हैं। अगर बीएमएसआईसीएल के पास जरूरी संसाधन थे तो फिर सिविल सर्जन को ऑक्सीमीटर.थर्मामीटर जैसी चीजों के लिए विधायकों से क्यों मदद मांगनी पड़ती यह बड़ा सवाल है। हिन्दुस्थान समाचार/चंदा

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