कारपोरेट का हित गरीबों को खाना देने में नहीं है, बल्कि खेती से मुनाफा कमाने का है:सरोज चौबे
बेतिया, 10 जनवरी (हि.स.)। किसानों के तीनों खेत कानून और बिजली बिल 2020 को रद्द और गन्ना का 400 रूपये प्रति क्विंटल मूल्य घोषित करने, गन्ना का बकाया का भुगतान करने की मांग पर आज पाचवे दिन भी जिला समाहरणालय गेट पर अनिश्चित कालीन धरना जारी रहा। धरना को संबोधित करते हुए भाकपा-माले केन्द्रीय कमिटी सदस्य सरोज चौबे ने कहा कि तीनों कृषि कानून के लागू होने से खासतौर से संकट देश की खाद्यान्न सुरक्षा का है। कारपोरेट का हित गरीबों को खाना देने में नहीं है, बल्कि खेती से मुनाफा कमाने का है। सवाल केवल सरकारी खरीद और राशन का नहीं है, इसी साल मोदी सरकार ने तय किया है कि गेहूं, चावल, ज्वार, बाजरा, जौ सबसे शराब बनाने की प्रक्रिया तेज की जाए ताकि उसकी पेट्रोल, डीजल में मिलावट की जा सके। गरीबों का खाना अमीरों का ईंधन बनेगा। किसान महासभा के जिला नेता रामप्रताप पासवान ने कहा कि केन्द्र सरकार कारपोरेट के हित सेवा की एजेन्सी बन गयी है, जो जनता पर आंसू गैस दागती है और किसान तनी मुट्ठियों व नारों से देश के हित की रक्षा में लगे हैं। किसान महासभा के जिला नेता गुड्डू मिश्रा ने कहा कि देश भर में 13 जनवरी को तीनों कृषि कानून की प्रतियां जलाने, 18 को महिला किसान दिवस, 23 को सुभाष जयंती और 25 जनवरी को मानव जंजीर बानाने का घोषणा हुई है, जिसे पश्चिम चंपारण के सभी मुख्य सड़कों पर मानव जंजीर बनाया जाऐगा, किसान महासभा के जिला नेता हारून गद्दी ने कहा कि तीन खेती के कानून को रद्द कराने का ये संघर्ष बुनियादी रूप से पर्यावरण, नदियों, वन संरक्षण तथा देश की बीज संप्रभुता की रक्षा करने का भी संघर्ष बन गया है। अगर इन कानूनों का अमल हुआ तो कारपोरेट व विदेशी कम्पनियां खेती के बाजार व कृषि प्रक्रिया पर कब्जा कर लेंगी और इन पर हमले बढ़ जाएंगे। इस मौके पर प्रकाश माझी, जोखू चौधरी, रामसुरत राम, शिवबालक पासवान,अर्जुन पासवान, महावीर माझी, सुरेश माझी, सिपाही राम, ललन माझी, भुटी साह, संजय साह, मंगल राम, लाल बिहारी राम,सत्यनारायण प्रसाद कुशवाहा, आदि किसान नेताओ ने धरना को संबोधित किया सभा कि अध्यक्षता सुनील कुमार राव ने किया। हिन्दुस्थान समाचार/अमानुल हक-hindusthansamachar.in