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कॉरपोरेट पूंजी को राष्ट्रवाद से जोड़ा जा रहा है : रामशरण जोशी

बेगूसराय, 23 मार्च (हि.स.)। वरिष्ठ पत्रकार रामशरण जोशी ने मंगलवार को बेगूसराय में कहा है कि किसानों का आंदोलन एक संस्कृति है, इतिहास है। आज किसान समाज दांव पर आ गया है। कॉरपोरेट पूंजी को और मोटी करने की बात है। कोरोना में एक साल के अंदर पूंजीपतियों की आमदनी 36 प्रतिशत बढ़ गयी। 12 करोड़ 20 लाख लोग बेरोजगार हो गए। एक साल में सबसे ज्यादा सरकारी चीजों को बेचा गया। कॉरपोरेट पूंजी को राष्ट्रवाद से जोड़ा जा रहा है। लोकतंत्र कुचल जाएगा अगर किसान आंदोलन कुचला गया। उन्होंने यह बातें विप्लवी पुस्तकालय गोदरगावां में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार 'ऐसे समय में खेती-किसानी, राष्ट्रवाद एवं देशभक्ति' को संबोधित करते हुए कही। राजेन्द्र राजन की अध्यक्षता एवं रवीन्द्रनाथ राय के संचालन में आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए प्रलेस के राष्ट्रीय महासचिव सुखदेव सिरसा ने कहा कि लोग पहले भी लड़े थे, लोग लड़ रहे हैं, लोग लड़ेंगे। किसानों ने दिल्ली को बिकने से बचा लिया, किसानों की लड़ाई अहिंसा की लड़ाई है। इसने लोगों को सोचने का ढंग बदला है। किसान सरकार से नहीं बल्कि आंख में आंख डालकर कॉरपोरेट से लड़ रहा है। छह प्रतिशत ही गेहूं पर एमएसपी मिल रहा है, छह लाख किसान खुदकुशी कर चुके हैं। किसानों को साथ देना होगा। नई दिल्ली आज बॉर्डर पर है। किसान आंदोलन ने बता दिया कि बहुत शांत रहकर भी आंदोलन किये जा सकते हैं। आंदोलन ने दिलों को एक कर दिया। भगत सिंह भी किसानों के समस्या को समझते थे। उनके परिवार के लोगों ने भी किसानों के आंदोलन में हिस्सा लिया था। पूर्व सांसद रामजीवन सिंह ने कहा कि आज खेती घाटे का रोजगार हो गया है। प्रत्येक दिन एक किसान खेती को छोड़ रहे हैं, लोग किसानों के घर रिश्ता नहीं करना चाहते हैं। सिर्फ नारा लगाने से परिवर्तन नहीं होगा इसके लिए व्यवहारिक बनना पड़ता है। सरकार को सर्वदलीय बैठक कर इसका स्थाई निदान निकाले। ईमानदारी से कर्तव्य का निर्वाहन करें यही सबसे बड़ा राष्ट्रवाद है। विप्लवी पुस्तकालय गोदरगावां में शहीद भगत सिंह, सुखदेव एवं राजगुरु के शहादत दिवस के अवसर पर आयोजित वार्षिकोत्सव की शुरुआत भगत सिंह की प्रतिमा से चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा तक शहादत सम्मान मार्च निकाल कर किया गया। इसके बाद देवी वैदेही सभागार में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार 'ऐसे समय में खेती-किसानी, राष्ट्रवाद एवं देशभक्ति' विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन मौके पर राजेन्द्र राजन रचित पुस्तक लक्ष्यों के पथ पर एवं तृतीय संस्करण एक रंग यह भी का लोकार्पण किया गया। इस दौरान द्वितीय नामवर सम्मान वरिष्ठ कवि नरेश सक्सेना को दिया गया। इस अवसर पर बेगूसराय के लेखकों की पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई गई है। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/चंदा

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